Th10/रेमु के अंत

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२५ जून, २०१६ को ख़त्म हुआ।

अच्छा अंत १ (रेमु-क)

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#0@0हाकुरे देवालय।

#0@1गेनसोक्यो के पूर्वी सीमा पर खड़ा देवालय।

#0@2देवालय के पेड़ पर्वतों की तुलना में ज़्यादा समय तक लाल रहे।

#0@3जब पत्ते झड़ने लगे, तब एक ही चीज़ बचा था।

Aya 

#0@4"यहाँ तलहटी पर कभी-कभी पत्ते देखना आरामदायक है।"

Reimu 

#0@5"क्या तुम यहाँ हमेशा नहीं आया करती हो?"

Nitori 

#0@6"हमें आख़िरकार एक इंसान के जश्न में आने का आमंत्रण मिला।

  

#0@7इसका मज़ा ले लो, क्योंकि ऐसा बार-बार नहीं होता।"

Aya 

#0@8"उससे याद आया, ये जश्न है किस लिए?"

Reimu 

#0@9"बस क्योंकि पत्ते इतने सुंदर हैं।

  

#0@10और मैं योकाइयों और पर्वत के नई देवी

  

#0@11के साथ मिलजुल कर रहना चाहती हूँ।"

Reimu 

#0@12"ये देवता बुरे देवता नहीं हैं।

  

#0@13इसलिए, मैं आशा करती हूँ कि हममें लड़ाई न हो।"

Sanae 

#0@14"मैं बिलकुल भी एक बुरी देवी नहीं हूँ।"

Kanako 

#0@15"मैं भी नहीं।"

Aya 

#0@16"बिलकुल संदेहजनक नहीं था।"

Kanako 

#0@17"मैं सभी चीज़ों के प्रति आस्था जगाने में मदद करना चाहती हूँ।"

  

#0@18आस्था अस्तित्व के प्रति श्रद्धा है,

  

#0@19अपने कर्मों के दंड का भय,

  

#0@20और अपना तन, मन और जीवन समृद्ध करने की इच्छा।"

Kanako 

#0@21"...पर इसे इतना गंभीर होने की ज़रूरत नहीं है।"

Aya 

#0@22"?!"

Kanako 

#0@23"किसी की आस्था और इस तरह मिलकर आराम से पीने की शक्ति में कोई अंतर नहीं है।

  

#0@24देखा? हम भी देवालय में साके भेंट चढ़ाते हैं।"

Reimu 

#0@25वैसे वह हमेशा खुलकर बातें करती है न? उसे कभी साथ पीने के लिए क्यों नहीं बुला लेती?"

Aya 

#0@26"....आहाहाहा, तुम एक तेंगु को उसे बुलाने के लिए कह रही हो?"

  

#0@27हम वैसे भी बुला देते। हम तेंगु देवताओं से भी ज़्यादा पी सकते हैं....

  

#0@28हाँ, शायद हमें तुम्हें रोज़ बुलाना चाहिए।"

Kanako 

#0@29"अरे, इतना कड़क; पर मैं भी वैसी हूँ, जैसे मुझमें कोई है।"

Sanae 

#0@30"म-मैं बस एक बार चख लूँ तो...."

Aya 

#0@31एक बार चखने का मतलब? एक प्याला? एक मटका?"

Nitori 

#0@32"मुझे जाकर ढेर सारे ककड़ी ढूँढ़ती हूँ....

  

#0@33मैंने हाल में कुछ पिकल देखे हैं, वो साके के साथ अच्छे लगते हैं।"

#0@34किसी वजह से, पर्वतीय योकाइयों की शराब के प्रति सहनशीलता बहुत ज़्यादा है।

#0@35शायद पर्वत के कई ताक़तवर व्यक्तियों ने कमज़ोर योकाइयों को भगा दिया। या शायद....

#0@36शराब वह चिकनाई थी जो तेंगुओं और काप्पाओं के अत्यधिक सभ्य दुनिया को रहने लायक बनाता था।

#0@37खैर, चलिए ज़रा उनके बीच फँसे सानाए के बारे में सोचिए, जिसे उनके साथ मिलजुल कर रहना पड़ेगा।

#0@38

#0@38अंत १ - क्या आस्था का मतलब है देवों से दोस्ती करना?

  

#0@39ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

अच्छा अंत २ (रेमु-ख)

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#0@0हाकुरे देवालय।

#0@1गेनसोक्यो के पूर्वी सीमा पर खड़ा देवालय।

#0@2देवालय के पेड़ पर्वतों की तुलना में ज़्यादा समय तक लाल रहे।

#0@3उसके शानदार ख़ूबसूरती के बावजूद, वहाँ कम ही श्रद्धालु आते थे।

Sanae 

#0@4"--तुम ये परिस्थिति नहीं बदल सकती यदि तुम यासाका जी का प्रस्ताव नहीं मानोगी...."

Reimu 

#0@5"हाँ, मुझे ज़्यादा श्रद्धालु चाहिए लेकिन....

  

#0@6यहाँ इतने सारे योकाई हैं, उनका तुम क्या करोगी?"

Sanae 

#0@7"पर वो तो इस देवालय के सौंदर्य का भाग है।

  

#0@8हाँ, हमारा देवालय भी सुंदर है...."

Reimu 

#0@9"देवालय के देव को बदलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है क्या?"

Sanae 

#0@10"ऐसा बात है...."

Sanae 

#0@11"मुझे लगता है मेरे पास एक अच्छा उपाय है।

  

#0@12क्यों न अधिक श्रद्धालुओं को बुलाने के बजाय अधिक आस्था इकट्ठा करने पर ध्यान दो?

Reimu 

#0@13"क्या मतलब?"

Sanae 

#0@14"तुम्हें आने वाले योकाइयों से ढेर सारी आस्था मिल सकती है।"

Reimu 

#0@15"....योकाइयों से?"

Sanae 

#0@16"देवताओं को इसकी अधिक चिंता नहीं है कि उनके श्रद्धालु कौन हैं।

  

#0@17देव अपना आशीर्वाद इंसान और योकाई दोनों को देने हैं।"

Reimu 

#0@18"हाँ....आह!"

Reimu 

#0@19"अहाहा। योकाइयों को पूजा करते हुए कल्पना करना मज़ेदार है।"

Sanae 

#0@20"वास्तव में, योकाइयों की आस्था इंसानों से अधिक होती है।

  

#0@21"योकाई इस पर अधिक महत्त्व देते हैं कि एक वस्तु किसका प्रतीक है, न कि उस वस्तु पर।"

Reimu 

#0@22"लेकिन, शायद यहाँ हमेशा आने वाले योकाइयों से आस्था पाने में बहुत समय लगेगा।

Sanae 

#0@23"मैं सहायता करने का प्रयास करूँगी। मैं स्वयं भी एक पुजारिन हूँ।"

Reimu 

#0@24"साथ ही, तुम्हारा गेनसोक्यो में आने की वजह क्या है?

Sanae 

#0@25"बात ये है कि--"

#0@26बाहरी दुनिया में, देवताओं में लोगों की आस्था बुरे पंथों और धर्मों के कारण घट गई थी।

#0@27लेकिन, सभी देवों को अपने ऊपर आस्था से लाभ होता है।

#0@28भले भी आस्था और विनती एक चीज़ नहीं हैं,

#0@29इंसानों को, अपने स्वतंत्रता से, आस्था की ज़रूरत नहीं थी।

#0@30नहीं, वह सच नहीं है।

#0@31अब भी, उनके दिल के गहराइयों में आस्था है।

#0@32लोग ख़बरों, ब्रैंड, कंपनियों और दोस्तों में विश्वास करते हैं....

#0@33उनके आस्था की चीज़ें सिर्फ़ उनके और क़रीब आ गई हैं।

#0@34अगर आप एक देवता हैं जिसे इंसानों से आस्था वापस चाहिए,

#0@35अपने घमंड को खुद से दूर रखिए, और उनके साथ दोस्ती कीजिए।

#0@36

#0@36अंत २ - उन योकाइयों से पूजा? बिलकुल नहीं।

  

#0@37ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

अच्छा अंत ३ (रेमु-ग)

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#0@0हाकुरे देवालय।

#0@1गेनसोक्यो के पूर्वी सीमा पर खड़ा देवालय।

#0@2देवालय के पेड़ पर्वतों की तुलना में ज़्यादा समय तक लाल रहे।

#0@3मैदान के सीमा पर एक अनोखी संरचना प्रकट हुई।

Marisa 

#0@4"--ई विशाल पंछी का घोंसला का है?"

Reimu 

#0@5"ये एक घोंसला नहीं है।

  

#0@6ये हमारे देवालय का रक्षक होगा।"

Marisa 

#0@7"....एक रक्षक के लिए बहुत डिब्बे जइसा है।"

Reimu 

#0@8"हम काफ़ी समय से श्रद्धालु गँवा रहे हैं।

  

#0@9ऐसा रहा तो इस देवालय का प्रभाव और कमज़ोर हो जाएगा।"

Marisa 

#0@10"तो ई घोंसले के डिब्बे जइसा रक्षक का करेगा?"

Reimu 

#0@11"आस्था के बारे में इतनी देर चिंता करने के बाद,

  

#0@12मैंने सोचा कि एक नए देवी के शक्तियों को उधार लूँ।"

Marisa 

#0@13"एक नई देवी?"

Reimu 

#0@14"देखा, ये हमारे देवालय के अंदर एक छोटे से देवालय जैसा है।"

Marisa 

#0@15"तो का तुम हमारे लिए एक रोच मोटल बना सकती हो?"

Reimu 

#0@16"मैंने बनाया न?"

Marisa 

#0@17"या तुमने मजबूरी में आकर बनाया।"

Reimu 

#0@18"अब देखो, देवालय हर काम के अनुकूल होते हैं।

  

#0@19उस देवी ने कहा कि वह कोई भी देवालय का इस्तेमाल कर सकती है,

  

#0@20चाहे जितना भी छोटा हो, अगर उसने देवालय पर कब्ज़ा नहीं किया।"

Marisa 

#0@21"तो तुमने एक बिद्दी देवालय बनाया।

  

#0@22पर ऊ तुम्हारी आस्था कैसे बढ़ाएगा?

Reimu 

#0@23"देखेंगे। क्या नए तरीके आज़माना अच्छा नहीं है?"

Marisa 

#0@24"इतना बिद्दी सा देवालय....

  

#0@25आशा करो ऊ देवी इससे नफरत न कर बैठे....

  

#0@26का तुमने इसे जान-बूझ कर छोटा बनाया?"

Reimu 

#0@27"क्या कहना चाहती हो?"

#0@28देवों को उनके निवास से ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता, लेकिन इंसान उन पर विश्वास नहीं करेंगे अगर उनका देवालय ज़्यादा ख़राब हालत में हो तो।

#0@29रेमु यह जानती थी, लेकिन उसने हालातों से ज़्यादा प्रभावित होकर

#0@30अनजाने में अपना गुस्सा कानाको पर निकाल दिया।

#0@31लेकिन ये छोटा सा देवालय उम्मीद से ज़्यादा प्रसिद्ध हुआ, और गाँव से कभी-कभार श्रद्धालु भी आते थे।

#0@32उसके आशीर्वाद थे अच्छी फ़सल और (दानमाकु) लड़ाइयों में जीत।

#0@33अंत ३ - देवता के लिए आशीर्वाद ही सब कुछ है।

  

#0@34ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

बुरा अंत ७ (रेमु-क)

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#0@0हाकुरे देवालय की सुबह।

#0@1उस देवी से हारने के बाद, रेमु अकेले घर वापस लौटी

#0@2और तेंगु उसके पीठ पीछे बातें कर रहे थे।"

Reimu 

#0@3"आह, क्या मुसीबत है। ऐसा चलता रहा तो वो हमारा देवालय चुरा लेगी।

  

#0@4"अगर मैं तुरंत वापस नहीं गई...."

#0@5रेमु बिना सोए ही वापस मुड़ गई और जाने लगी।

#0@6भले ही नींद दानमाकु लड़ाई की सबसे बड़ी दुश्मन है....

#0@7अंत ७ - क्या आप ठीक से सो रहे हैं?

#0@8साधारण या उससे ऊपर 1cc करने की कोशिश कीजिए!

बुरा अंत ८ (रेमु-ख)

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#0@0हाकुरे देवालय की सुबह।

#0@1उस देवी से हारने के बाद, रेमु अकेले घर वापस लौटी

#0@2और तेंगु उसे वापस जाते देख ताने कस रहे थे।

Reimu 

#0@3"आह, क्या मुसीबत है। वो सचमुच हमारे देवालय कर कब्ज़ा कर लेगी!

  

#0@4मैं वैसा नहीं होने दे सकती!!"

#0@5रेमु नाराज़ होकर वापस लड़ने चली गई, लेकिन,

#0@6बिना ध्यान दिए आप गोलियों से नहीं बच सकते....

#0@7

#0@7अंत ८ - क्या आप ठीक से कैल्शियम पा रहे हैं?

#0@8साधारण या उससे ऊपर 1cc करने की कोशिश कीजिए!

बुरा अंत ९ (रेमु-ग)

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#0@0हाकुरे देवालय की सुबह।

#0@1उस देवी से हारने के बाद, रेमु अकेले घर वापस लौटी

#0@2और तेंगु उसे चिढ़ाकर उस पर पत्थर फेंक रहे थे।

Reimu 

#0@3"आह, क्या मुसीबत है। शायद यही बेहतर होगा कि वो देवालय पर कब्ज़ा कर ले....?

#0@4रेमु अपने देवालय के क़िस्मत के बारे में सोचकर वापस लड़ने चली गई।

#0@5लेकिन आप इतना चिंतित होकर गोलियों से नहीं बच सकते....

#0@6

#0@6अंत ९ - क्या आप अपनी चिंता भुला सकते हैं?

#0@7साधारण या उससे ऊपर 1cc करने की कोशिश कीजिए!