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#0@0 हाकुरे देवालय।
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#0@1 गेनसोक्यो के पूर्वी सीमा पर खड़ा देवालय।
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#0@2 मंदिर के मैदान में बर्फ़ की बस थोड़ी सी छाया थी।
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#0@3 चेरी ब्लॉसम जल्द ही खिलने वाले थे।
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Reimu
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#0@4 "माकाई कितना डरावना था....।
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#0@5 वो जहाज़ कोई ख़ज़ाने की जहाज़ नहीं थी,
बस एक योकाई जहाज़ जो माकाई की ओर जा रही थी।
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#0@6 शर्म की बात है.... और वो बिलकुल ख़ाली थी।"
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Marisa
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#0@7 "ऐसा क्या? रुको, तुम माकाई गई थी?"
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Reimu
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#0@8 "होक्काई नामक एक जगह, माकाई के देहाती इलाक़ों में।"
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Marisa
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#0@9 "खैर, अगर ऊ एक खजाने का जहाज नहीं था
तो हमको उसमें खास दिलचस्पी नहीं।
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#0@10 तो, जहाज का क्या हुआ?"
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Reimu
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#0@11 "कहते हैं वो वहीं कहीं तैर रहा है।
तुमने उसे देखा नहीं?"
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Marisa
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#0@12 "अरे, हमारी शीतनिद्रा ठीक से नहीं हुई।
उसे देखा तो नहीं।"
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Reimu
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#0@13 "जब वो अगली बार नज़र आएगा, मैं उसमें दोबारा चढ़ूँगी।"
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#0@14 अगले दिन, रेमु ने जहाज़ को आकाश में उड़ते हुए देखा और उस पर चढ़ गई।
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Reimu
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#0@15 "आख़िरकार ढूँढ़ लिया। तुम सब फिर भी क्यों उड़ रहे हो?"
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Byakuren
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#0@16 "इस प्रकार उड़ने से मुझे लगता है जैसे मेरा पुनर्जन्म हुआ है....।
ये माकाई से बहुत बेहतर है।"
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Minamitsu
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#0@17 "हाँ, इसलिए हम सोच रहे हैं कि क्यों न
इसे एक गेनसोक्यो पर्यटक जहाज़ बना दें।"
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Reimu
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#0@18 " पर्यटक.... तुम सब भला कहाँ रहते हो?"
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Byakuren
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#0@19 "वर्षों पहले मैं जिस मंदिर में रहती थी वो अब नहीं है।
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#0@20 वैसे, कहीं भी रहने से चलेगा, देखा जाए तो।"
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Minamitsu
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#0@21 "ये पवित्र पालकी और मेरे साथी इचिरिन और शो
के साथ कई सालों तक ज़मीन के नीचे क़ैद था।"
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Minamitsu
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#0@22 "हम पिछले साल के अंत में आख़िरकार आज़ाद हुए।
जब तक हमें रहने की जगह नहीं मिलती, हम जहाज़ पर रहेंगे।"
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Byakuren
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#0@23 "तो ठीक है।
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#0@24 मुझे नहीं लगता कि इस तरह भटकते रहने से मुझे कोई आपत्ति है।
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#0@25 बस आकाश में उड़ते रहना...."
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Reimu
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#0@26 "ओए, तुम इस तरह हमेशा के लिए नहीं उड़ सकती।
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#0@27 ये जहाज़ हर जगह अपनी विशाल परछाई फैलाएगी।"
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Byakuren
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#0@28 "सो तो है। तो हम अपने पर्यटन
का हर तीसरा दिन धरती पर बिताते हैं।"
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Minamitsu
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#0@29 "चलेगा!"
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#0@30 रेमु ने सुझाव दिया कि वो लोगों को आकर्षित करने के लिए
जहाज़ को ख़ज़ाने के जहाज़ की तरह सजाएँ।
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#0@31 ब्याकुरेन सहमत हुई और आसानी से मान गई।
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#0@32 इस तरह, गेनसोक्यो के ऊपर उड़ते ख़ज़ाने के जहाज़ की
अफ़वाहें कम से कम कुछ समय के लिए सच हो गईं।
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#0@33 ख़ज़ाने का जहाज़ इंसानों और योकाइयों दोनों को खूब पसंद आई।
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#0@34 कभी-कभी इंसान और योकाई एक साथ जहाज़ पर होते,
पर योकाइयों ने कभी उनका शिकार नहीं किया।
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#0@35 ब्याकुरेन हैरान थी कि दुनिया कितना बदल गया है।
योकाइयों का शिकार नहीं हो रहा था।
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#0@36 रेमु समझ नहीं पाई कि ब्याकुरेन फिर भी चौकन्नी क्यों थी,
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#0@37 पर उसे अंदाज़ा था कि उसे क़ैद क्यों किया गया होगा।
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#0@38 वह बहुत शक्तिशाली थी और वह इंसान और योकाई दोनों की सहायता करती।
इसलिए इंसानों ने ग़ुस्से से उसे क़ैद कर दिया।
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#0@39 पर अब कोई शक्तिशाली इंसानों से नहीं डरने वाला था।
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#0@40 ब्याकुरेन और उसके साथियों को फिर कभी क़ैद नहीं किया जाएगा।
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#0@41
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#0@41 अंत १ - गेनसोक्यो के वसंत का पर्यटक जहाज़
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#0@42 ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!
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