Th12/रेमु की कहानी 'ख'

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२० सितंबर, २०१६ को ख़त्म हुआ।

चरण १

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वसंत के अंत में

Reimu

#0@34वो जहाज़.... बिना आवाज़ के निकल गया। कितना संदिग्ध था।

Reimu

#0@42और वो परियाँ बर्ताव कर रहीं थीं जैसे वो किसी के वश में थे....कुछ ठीक नहीं लग रहा।

Nazrin enters

???

#0@50....मुझे यहाँ से प्रतिक्रिया मिली।

<Boss title>

Nazrin

#0@122अरे, ये तो वही इंसान है। उफ़।

Reimu

#0@130ओए!

Nazrin

#0@138अरे, मुझे ग़लत मत समझो। मैं बस यहाँ ख़ज़ाना ढूँढ़ रही थी जिसका मुझे पता चला।

Reimu

#0@146ख़ज़ाना? ख़ज़ाने के जहाज़ की अफ़वाहें सच हैं?

एक छोटा, छोटा, चालाक सेनापति

Nazrin

#0@154ख़ज़ाने का जहाज़? ऐसी कोई चीज़ नहीं है।

Nazrin

#0@162ओ, रुको, मेरे नन्हे चूहे तुम पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

Reimu

#0@170वैसे, मैं एक इंसानी ख़ज़ाना हूँ।

Nazrin

#0@178मेरे चूहों को इंसानी मांस का स्वाद पसंद है।

Nazrin

#0@186वो कहते हैं उन्हें चीज़ कुछ दूसरे लाल खानों का मुक़ाबला नहीं कर सकती।

Nazrin defeated

Reimu

#1@30इंसान चूहों से बुद्धू बनने लायक स्वादिष्ट नहीं हैं।

Reimu

#1@38लेकिन वो चूहे भी ख़ज़ाना तलाश रहे थे।

Reimu

#1@46कितना संदिग्ध है....

चरण २

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बादलों का बंद रास्ता
Kogasa Tatara enters

???

#0@68ज़रा रुको! कितनी तेज़ हो~

Reimu

#0@76क्या चाहिए तुम्हें?

???

#0@84कुछ ख़ास नहीं~ बस, असमान में उड़ते इंसान बहुत अजीब हैं।

???

#0@92मेरा बुरा मतलब नहीं था। मुझे बस ये दिलचस्प लग रहा है।

Reimu

#0@100अरे? ये तो एक आम छतरी राक्षसी है। क्या हुआ?

<Boss title>

वहाँ हमेशा के लिए छोड़ गए छाते से सावधान

Kogasa

#0@108मैं कुछ समय से बोरियत से जूझ रही हूँ।

Kogasa

#0@116अपने आप उड़ते छतरी से कोई हैरान नहीं होता....

Kogasa

#0@124और लगता है तुम भी हैरान नहीं हो।

Reimu

#0@132मुझे तुमसे क्यों हैरान होना चाहिए?

Kogasa

#0@140आ~आह, मुझे वो अच्छे पुराने दिन याद हैं। जब हम योकाई रात के बादशाह थे, पर,

Reimu

#0@148अभी दिन का समय है....

Kogasa

#0@156अगर कोई मुझसे थोड़ा भी हैरान होता तो वो ठीक से चल नहीं पाता।

Reimu

#0@164हाँ हाँ, अपनी पुरानी दिनों की यादें बाद में सुनाना। अब मुझे ज़रा जाने दो....

Kogasa

#0@172इन दिनों किसी को हैरान करने के लिए तुम्हें उसे थोड़ी सज़ा देनी पड़ती है न?!

Kogasa Tatara defeated

Kogasa

#1@30भू~

Reimu

#1@38हाँ हाँ, तुमसे उतनी कड़वाहट काफ़ी है।

Kogasa

#1@46*सिसकी* हम योकाई आख़िर हैं क्या?

Reimu

#1@54शायद ऐशोआराम की चीज़ें? ख़ैर, वो जहाज़ अब मेरे सामने है।

चरण ३

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आकाशी विनाश
Ichirin Kumoi enters

???

#2@30इंसान, परियाँ, और सभी इस जहाज़ के पीछे पड़े हैं.... कहीं वो ख़ज़ाने के कमरे के पीछे तो नहीं?

Reimu

#2@38ख़ज़ाना? इस जहाज़ पर?

???

#2@46बहस का कोई मतलब नहीं! मैं किसी बदमाश को दया नहीं दिखाने वाली।

Ichirin Kumoi defeated

???

#3@30वाह! ऐसे इंसान भी हैं जो इस मुट्ठी को देखकर नहीं भागते?

Reimu

#3@38क्या ये सचमुच ख़ज़ाने का जहाज़ है? पर यहाँ कुछ नहीं है....

Ichirin Kumoi exits

Reimu

#3@76आह, भाग गई।

Ichirin Kumoi enters

???

#0@68आख़िर किसके पीछे पड़ी हो? ख़ज़ाना? या मेरी बहन की शक्ति?

Reimu

#0@76मैं जिसके पीछे पड़ी हूँ, वो है ये जानना कि ये जहाज़ किसके पीछे पड़ा है!

???

#0@84अच्छा। उसकी चिंता मत करो।

???

#0@92ये तुम्हें जहाज़ जैसा दिख रहा है, पर ये एक प्राचीन, चमत्कारी भवन का आधुनिक, पुनर्निर्मित अवतार है।

<Boss title>

Ichirin

#0@100जब ये जगह ख़ज़ाने से भर जाएगी, मैं अपनी बहन का महान पुनर्जीवन कर पाऊँगी, जो मैं हमेशा से करना चाहती थी।

Reimu

#0@108महान पुनर्जीवन? सुनने में ठीक नहीं लग रहा....

Ichirin

#0@116उसके होने से पहले मैं किसी को अपने रास्ते में नहीं आने दूँगी।

Reimu

#0@124तुम्हारी ये बहन.... योकाई है न?

Ichirin

#0@132वो योकाई के स्तर पर भी नहीं हैं।

Reimu

#0@140लगता है मुझे ऐसा होने से पहले तुम्हें हरा देना चाहिए।

Ichirin

#0@148....क्या? इस पुजारिन ने क्या....?

Ichirin

#0@156उनज़ान कहता है कि तुम उड़ते ख़ज़ाने के टुकड़ों के पीछे पड़ी हो। क्या ये सच है?

Reimu

#0@164क्या कह रही हो?

Ichirin

#0@172उनज़ान के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है। तुम आकाश में उड़ते टुकड़े इकट्ठा कर रही हो न?

Reimu

#0@180वैसे, अगर तुम मेरा काम रोक रही हो, तो शायद तुम्हारी इच्छा पूरी हो जाए।

पारंपरिक बुड्ढा और शौक़ीन लड़की

Ichirin

#0@188आहाहा, चूहों के लिए उन्हें ढूँढ़ने के लिए धन्यवाद! मैं अब उन्हें ले जाऊँगी।

Ichirin Kumoi defeated

Ichirin

#1@30क्या बात है। विश्वास नहीं होता कि इस दुनिया में भी ऐसे इंसान हैं।

Reimu

#1@38एक योकाई से प्रशंसा मिलना कोई अच्छी बात नहीं है।

Ichirin

#1@46फिर भी, तुम मेरी बहन के चरणों के समान भी नहीं हो।

Reimu

#1@54लगता नहीं कि तुम्हें अपनी बहन को जीवित करने देना सही होगा।

Reimu

#1@62मैं अपने काबू के बाहर योकाइयों को यहाँ-वहाँ घूमने नहीं दे सकती।

Ichirin

#1@70आह, क्या तुम अंदर जा रही हो?

चरण ४

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भूतहा जहाज़ की अंतराल में यात्रा

Reimu

#0@34पर यहाँ तो कुछ भी नहीं है.... ये जहाज़ आसमान में उड़ कैसे रहा है?

Reimu

#0@42मैं जिन्हें नहीं समझ सकती वो हमेशा बुरे होते हैं।

Reimu

#0@50ये जहाज़ भी ज़रूर एक अपशकुन है!

Minamitsu Murasa enters
कप्तान मुरासा

???

#0@58क्या वहाँ कोई है?

???

#0@130एक इंसान....? या तुमने अपनी इंसानियत त्याग दी है?

Reimu

#0@138वो रही। अपशकुन की योकाई।

???

#0@146अ-अपशकुन?

Reimu

#0@154बताओ कि ये जहाज़ आख़िर है क्या!

???

#0@162अरे अरे, शांत हो जाओ.... क्या तुम्हें यक़ीन है तुम इस पर सवार होना चाहती हो?

Reimu

#0@170मैं तो सवार हूँ।

<Boss title>

Minamitsu

#0@178मेरा नाम है मुरासा, इस पवित्र पालकी जहाज़ की कप्तान।

Reimu

#0@186वाह, सीधे कप्तान से? कितना आसान हो गया।

Minamitsu

#0@194हम किसी को नहीं लेते जिसका इस दुनिया से थोड़ा भी संबंध है। तुम क्या करोगी?

Reimu

#0@202मतलब, ये जहाज़ दूसरी दुनिया में जा रही है? मैं ऐसे जहाज़ों को देख-देख कर तंग आ गई हूँ।

Minamitsu

#0@210नहीं, हम वहाँ नहीं जा रहे।

Minamitsu

#0@218हम होक्काई की ओर जा रहे हैं, वो दुनिया जहाँ हिजिरी जी क़ैद हैं।

Reimu

#0@226होक्काई?

Minamitsu

#0@234माकाई के अनंत क्षेत्र का एक कोना। वहीं पर हिजिरी जी क़ैद हैं।

Reimu

#0@242मुझे माकाई के बारे में पता है। क्या ये जहाज़ वहीं जा रही है?

Minamitsu

#0@250होक्काई में प्रवेश करने के लिए, हमें हिजिरी जी का छोड़ा हुआ ख़ज़ाना चाहिए....

Minamitsu

#0@258पर तुम उसे साथ ले आई हो। अब तुम्हें वो हमारे हवाले करना होगा!

Minamitsu Murasa defeated

Minamitsu

#1@30कितनी ताक़तवर हो.... इंसान इतने ताक़तवर कब हो गए?

Reimu

#1@38अरे, योकाई से प्रशंसा....

Minamitsu

#1@46इससे मुझे याद आ रही है जब हिजिरी जी इंसान थीं।

Reimu

#1@54क्या?

Minamitsu

#1@62इंसान ताक़तवर बन जाते हैं न? पृथ्वी अब ताक़तवर इंसानों से भरी होगी।

Reimu

#1@70वो मुझे नहीं पता। रुको, ये जहाज़ अब भी रुक नहीं रही?

Minamitsu

#1@78ये स्वचालित मोड में है।

Minamitsu

#1@86जब से तुम इस जहाज़ पर ख़ज़ाने के साथ आ गई, हम अपने आख़िरी मंज़िल की ओर बढ़ रहो हैं।

Reimu

#1@94क्या? ज़रा-

चरण ५

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ग्रामीण माकाई शहर की एसोटेरिया
Nazrin enters

Nazrin

#2@30अरे? तुम भी माकाई आ गई?

Reimu

#2@38तुम वही चुहिया हो न.... जो ख़ज़ाना तलाश रही थी?

Reimu

#2@46लगता है मेरे पास थोड़ा ख़ज़ाना है। इसलिए मुझे यहाँ लाया गया।

Nazrin

#2@54लगता तो है। मेरे डाउसिंग छड़ी तुम पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

Nazrin

#2@62पर मैं सिर्फ़ वही ख़ज़ाना नहीं ढूँढ़ रही हूँ।

Nazrin

#2@70शायद इस वैश्रवण पगोडा को अपने मालकिन को सौंपने से पहले, मैं इसकी शक्ति को तुम पर आज़माकर देखूँगी।

Nazrin defeated

Reimu

#0@34मैं माकाई से तो बाहर निकल गई, लेकिन मैं और आगे नहीं जा सकती।

Reimu

#0@42होक्काई ज़रूर इस बाधा के नीचे होगा लेकिन....

Reimu

#0@50इस पर जो मुहर लगी है वो मैंने कभी नहीं देखी।

Reimu

#0@58आख़िर यहाँ पर क्या क़ैद है?

Shou Toramaru enters

???

#0@66तुम ही वो इंसान हो न जिसने उड़ता ख़ज़ाना इकट्ठा किया है।

???

#0@138तुम मेरी कल्पना से अधिक लालची हो।

Reimu

#0@146वैसा मत कहो।

???

#0@154हाँ, ठीक कहा।

???

#0@162मुझे बस लगा कि यदि तुम इतनी दूर आई हो तो शायद तुम एक तपस्वी पंडित हो।

Reimu

#0@170वैसे, मेरा यहाँ बहुत कुछ सीखने का इरादा है।

<Boss title>

Shou

#0@178मैं हूँ वैश्रवण की प्रतिनिधि, हिजिरी जी के पंथ की भक्त।

Shou

#0@186अब हमारे पास नाज़रिन का लाया मणियों से सजा पगोडा है, और तुम्हारे पास उड़ते भंडार के टुकड़े हैं।

Shou

#0@194जिससे हम ये मुहर तोड़ सकते हैं। हम हिजिरी जी के प्रति अपना आभार प्रकट कर सकते हैं।

Reimu

#0@202इस मुहर के नीचे क्या सो रहा है?

Shou

#0@210अरे? तुमने ये बिना जाने ही सारा ख़ज़ाना इकट्ठा कर लिया?

Reimu

#0@218ज़ाहिर है मुझे नहीं पता!

Shou

#0@226ये एक इंसानी संत हैं जो बिना भेदभाव के योकाइयों और इंसानों की सहायता करती थीं।

Reimu

#0@234संत?

Shou

#0@242हाँ। वो एक अद्भुत व्यक्ति थीं। फिर भी इंसानों ने किसी कारण से उन्हें क़ैद कर दिया।

Reimu

#0@250तो ये एक संत है? कोई बुरा व्यक्ति नहीं?

Shou

#0@258इंसान कितने मूर्ख थे।

Shou

#0@266वो मूर्ख इंसान ऐसी किसी के भी अस्तित्व को नकारना चाहते थे जिससे उन्हें लाभ नहीं होता।

Shou

#0@274क्योंकि वो माकाई की शक्ति से योकाइयों की सहायता करना चाहती थीं।

Shou

#0@282इन्हें इस तुच्छ कारण से क़ैद कर लिया गया। क्या ये अनुचित नहीं?

Reimu

#0@290देखो, वो बुरे काम कर रही थी न? अगर वो योकाइयों की दोस्त है....

Reimu

#0@298मुझे तुम्हें भी हराना पड़ेगा, ठीक है? आख़िर तुम भी योकाई हो।

बाघ रूपी वैश्रवण

Shou

#0@306यदि तुम इसे ही न्याय कहती हो, तो ठीक है।

Shou

#0@314परंतु, यदि तुमने ग़लत रास्ता चुना है....

Shou

#0@322तो तुम धर्म के प्रकाश की साक्षी बनोगी जो माकाई में और भी अधिक चमकती है--

Shou

#0@330और इस वैश्रवण के पगोडे के सामने झुक जाओगी!

Shou Toramaru defeated

Shou

#1@30अद्भुत। मैं समझी तुम कैसे ख़ज़ाने को इकट्ठा कर पाई।

Reimu

#1@38योकाई दिनभर मेरी प्रशंसा कर रहे हैं....

Shou

#1@46क्योंकि तुमने उड़ते भंडार के टुकड़े इकट्ठे किए और हिजिरी को जीवित करने में हमारी सहायता की।

Reimu

#1@54भले ही मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था।

Shou

#1@62तो चलो, मुहर को तोड़ने की तैयारी करते हैं।

Reimu

#1@70ल-लगता है इतनी दूर आने के बाद मैं उस हिजिरी को बिना देखे वापस नहीं लौट सकती।

Reimu

#1@78उसे बिना जाने मुझे नींद नहीं आएगी।

Shou

#1@86बहुत अच्छे! तुम्हारा दिल बहुत अच्छा है।

चरण ६

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होक्काई की आग

Reimu

#0@34मुझे कोई महसूस नहीं हो रहा है, लेकिन....

Reimu

#0@42इस दुनिया की ये क्या बात है?

Reimu

#0@50पहले का वो अमंगल माहौल बिलकुल ग़ायब हो गया....

Reimu

#0@58अब ये उससे उलटे वजहों से डरावना है।

Byakuren Hijiri enters

???

#0@66ओ, धर्म का विश्व प्रकाश से भरा है।

???

#0@138क्या तुम ही हो जिसने इस विश्व को मुक्त किया?

Reimu

#0@146वो रही। तुम ही वो व्यक्ति हो जिसे वो योकाई....

???

#0@154अरे, क्या तुमने मुझे क़ैद से मुक्त नहीं किया?

Reimu

#0@162अँ, ये आख़िर में वैसा हो गया, पर....

???

#0@170बहुत बहुत धन्यवाद।

???

#0@178मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं फिर प्रकाश देख पाऊँगी।

Reimu

#0@186तो, तुम हो कौन?

<Boss title>

Byakuren

#0@194मेरा नाम है ब्याकुरेन।

Byakuren

#0@202कई, कई वर्ष पहले मैं एक भिक्षु थी।

Byakuren

#0@210तुम एक पुजारिन हो न?

Byakuren

#0@218क्या तुम यह मानने आई हो कि मैं सही थी?

Reimu

#0@226हुँ। मैं एक पुजारिन हूँ जो योकाइयों को मदद करने वालों को सज़ा देती है!

Reimu

#0@234और मुझे लगता है तुम एक ख़तरनाक व्यक्ति हो जिसका योकाई सम्मान करते हैं।

Byakuren

#0@242अच्छा, तो तुम मुझे फिर क़ैद कर दोगी?

Reimu

#0@250हाँ, बिलकुल।

Byakuren

#0@258तुम्हारी सोच.... मेरी सोच से बिलकुल अलग है, है न?

Byakuren

#0@266कि इंसान और योकाई बुद्ध के प्रकाश में में समानता से मिलकर रह सकेंगे।

Reimu

#0@274य-ये नहीं हो सकता!

Byakuren

#0@282तो तुमने मुझे क़ैद से क्यों मुक्त किया?

Reimu

#0@290क्योंकि.... ये योकाई कर देते तो ज़्यादा डरावना होता! इसे ख़ुद तोड़ना बेहतर था....

Byakuren

#0@298मुझे अब से सुनिश्चित करना होगा कि मैं उनके प्रति अपना आभार प्रकट करूँ जिन्होंने मुझे मुक्त किया।

Byakuren

#0@306मैं तुम्हारे योकाइयों को नष्ट करने की इच्छा को नहीं बदल सकती।

Byakuren

#0@314परंतु, यदि तुम मुझे फिर क़ैद करना चाहती हो....

भावुक गगनचुंबी भवन ~ लौकिक मन

Byakuren

#0@322मैं अपनी पूरी शक्ति से तुम्हारा विरोध करूँगी।

Reimu

#0@330हुँ, तुम्हें ये पहले से कह देना चाहिए था।

Reimu

#0@338आख़िरकार, मैं हर किसी को हरा दूँगी जो योकाइयों का साथी है!

Byakuren

#0@346इंसान मेरे मंदिर में समय से नहीं बदले हैं।

Byakuren

#0@354कितनी निर्बल और दुस्साहसी हो! अब, तीन ख़ज़ानों के नाम पर--!

Byakuren Hijiri defeated
  • If player continued
Bad Ending #08
  • If player didn't continue
Good Ending #02