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१२ फ़रवरी, २०१८ को ख़त्म हुआ।
अच्छा अंत ३
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#0@0 महासमाधि।
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#0@1 एक स्थान जहाँ दिव्य आत्माएँ (=इच्छाएँ) इकट्ठे होते थे
ताकि मिको उनकी इच्छाएँ पूरी कर सके।
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Marisa
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#0@2 "तो, क्या इच्छा है तुम्हारी?
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#0@3 क्या? 'मुझे कुछ स्वादिष्ट चाहिए?' कुछ मशरूम खा लो।
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#0@4 'मेरी कमर में दर्द है?' मुझे एक अच्छा मसाज की जगह पता है।"
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Marisa
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#0@5 "बाप रे, तुम इन सब को इस तरह कैसे समझती हो?"
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Miko
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#0@6 "मैंने कहा न, इसका कोई लाभ नहीं अगर तुम एक साथ दस इच्छाएँ नहीं सुन सकती।"
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Marisa
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#0@7 "एक साथ दस.... क्या।"
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Marisa
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#0@8 "प्यासा.... नींद.... को.... सपनों का.... ताकत....
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#0@9 ऊफ़, एक दुसरे के ऊपर बोलना बंद करो!"
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Miko
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#0@10 "लोगों की इच्छाएँ पल पल में बदलती हैं।
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#0@11 अगर तुम एक-एक कर उनकी इच्छाएँ सुनोगी, तो नतीजे अलग होंगे।
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#0@12 इसलिए तुम्हें उन सब को एक साथ सुनना पड़ेगा, अन्यथा तुम्हें सच्चाई नहीं दिखेगी।"
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Marisa
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#0@13 "तुम नामुमकिन बातें कर रही हो, ओए।"
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Miko
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#0@14 "वैसे, मेरा मानना है कि ये दरअसल आसान है।"
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Marisa
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#0@15 "तुम साधारण भी नहीं हो न...."
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#0@16 मिको के पुनर्जीवन के बाद दिव्य आत्माएँ स्वाभाविक तौर पर इकट्ठे गो गए थे।
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#0@17 इंसानों के तुच्छ इच्छाएँ उनमें प्रतिबिंबित होती होती थीं।
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#0@18 वही उन दिव्य आत्माओं का असली रूप था।
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#0@19 मक़बरे में इकट्ठी होती आत्माएँ मारिसा से संभले जाने के लिए बहुत ज़्यादा थे।
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#0@20 इसलिए उसकी मक़बरे में दिलचस्पी ख़त्म हो गई, और वह अपनी आम ज़िंदगी में लौट गई।
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#0@21 तो फिर दिव्य आत्माओं का क्या हुआ?
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#0@22 मिको के इंसानी गाँव में हाज़िर होते ही वे ग़ायब हो गए।
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#0@23 एक साथ दस लोगों से बात करने और समझने की शक्ति
के वजह से वह इंसानी गाँव में चर्चा की आम विषय बन गई।
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#0@24 मारिसा को पता नहीं था कि दिव्य आत्माएँ कहाँ गईं, लेकिन उसे परवाह नहीं थी।
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#0@25 शायद, किसी तरह, उन नन्हे आत्माओं ने मिको को आकर्षित किया था, जो सच्ची दिव्य आत्मा थी।
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#0@26
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#0@26 अंत ३ - बदलते इच्छाओं और आस्थाओं से जन्मा एक पल
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#0@27 ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!
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समांतर अंत ४
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#0@0 मारिसा का घर।
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#0@1 एक मनहूस, तंग और चीज़ों से ऊँचे ढेरों से भरा घर।
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#0@2 मारिसा कहीं दिखाई नहीं दे रही थी।
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#0@3 लेकिन बाहर अजीब आवाजें सुनी जा सकती थी।
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Marisa
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#0@4 "ऊफ़! हाह!"
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Marisa
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#0@5 "हुँह, सुबह के कसरत का कोई मुकाबला नहीं।"
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#0@6 मुझे ये समझाओ!
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#0@7 मारिसा सुबह से ये अजीब नाच क्यों कर रही है?
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#0@8 सच्चाई यह है कि मारिसा ने सेगा से ताओ धर्म की राज़ सुनी।
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#0@9 क्या था वह राज़?
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#0@10 अमरता का राज़।
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#0@11 ताओ धर्मियों का अंतिम लक्ष्य होता है अमरता।
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#0@12 उसने यह कासेन इबारा से भी सुना था, लेकिन मिको और मोनोनोबे
को अपनी आँखों से देख, जो अमर इंसान के उदहारण थे,
मारिसा ने ताओ धर्मी बनने का फ़ैसला लिया!
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Marisa
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#0@13 "हईशा-!
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#0@14 पर, क्या ई ताओ धर्मी प्रशिक्षण जैसा दिखता भी है?"
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Marisa
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#0@15 "खैर, हमने काफी पसीना बहाया।
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#0@16 अमरता ज्यादा दूर नहीं हो सकती!"
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#0@17 हाँ, ऐसे प्रशिक्षण से अमरता प्राप्त करना सचमुच नामुमकिन है।
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#0@18 लेकिन किसे पता?
शायद सुबह उठकर कसरत करने से मारिसा का जीवनकाल बढ़ गया हो।
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#0@19 अंत ४ - दुर्भाग्यवश वो अपने प्रशिक्षण से जल्द ही थक जाएगी।
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#0@20 ये एक समांतर अंत है! बधाई हो!
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बुरा अंत १०
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#0@0 वह मक़बरा जहाँ मिको निद्रा में थी।
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#0@1 जीत हासिल हुई थी, पर भारी नुक़सान के साथ।
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Marisa
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#0@2 "ऊ लड़की पगली है।
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#0@3 उसकी आभा किसी और से बहुत अलग है....
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#0@4 भागना पड़ेगा।"
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#0@5 मिको के समूह से भयभीत पर वह मानने को तैयार नहीं, मारिसा घर भाग गई।
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#0@6 अपने आप को समझकर कि यह बस पहली कोशिश थी, वो फिर लड़ने के लिए तैयार हुई।
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#0@7
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#0@7 अंत १० - दुश्मनों का हमला याद रखो और पूरी कोशिश करो!
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#0@8 एक क्रेडिट क्लियर करने की कोशिश कीजिए!
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