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Keine Kamishirasawa enters
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Keine
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#2@60 मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी।
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Keine
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#2@140 तुम्हारे हिम्मत को मानना पड़ेगा,
जो पूर्णिमा की रात मुझे चुनौती देने आए हो।
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Reimu
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#2@230 क्या इस अग्नि परीक्षा की आग तुम हो?
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Keine
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#2@320 मैं तुम्हें उस इंसान को हाथ लगाने भी नहीं दूँगी!
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Keine Kamishirasawa defeated
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Reimu
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#0@60 न जाने वो क्या था।
आज परियाँ कुछ ज़्यादा ही उधम मचा रहे हैं....
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???
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#0@61 आज चाँद की रौशनी बहुत तेज़ है।
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???
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#0@62 कोई हैरानी नहीं कि सारे जीव उत्तेजित हो गए हैं।
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Fujiwara no Mokou enters
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???
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#0@123 तो ऐसी रात को बाहर निकले वाले मूर्ख भी हैं।
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Reimu
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#0@124 कौन?
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???
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#0@125 तुम, शायद?
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Reimu
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#0@126 नहीं, मैं ये नहीं पूछ रही कि मूर्ख कौन है।
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Yukari
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#0@127 तो तुम मान रही हो कि तुम मूर्ख हो।
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मोको
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Mokou
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#0@128 मैं एक इंसान हूँ जो यहाँ एक लंबे समय से है।
मैं मूर्खता की वजह से यहाँ नहीं हूँ
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Yukari
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#0@129 इंसान?
हाँ, इंसान ही हो।
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Reimu
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#0@130 शायद वो इस बाँस के जंगल की मालकिन है।
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Mokou
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#0@131 तो, मूर्खों, यहाँ क्या कर रहे हो?
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Reimu
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#0@132 अग्नि परीक्षा।
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Yukari
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#0@133 और कुछ दूसरी चीजें।
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Mokou
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#0@134 क्या? अग्नि परीक्षा?!
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Mokou
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#0@135 आह, इंसान इतने बुद्धू कब
से हो गए हैं?
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Mokou
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#0@136 तुम रात के अँधेरे में इतनी दूर यहाँ आए हो,
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Mokou
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#0@137 इस पागल पूर्णिमा के नीचे, जहाँ योकाई खुला घूम रहे हैं,
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Mokou
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#0@138 सिर्फ़ एक अग्नि परीक्षा के लिए?!
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Mokou
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#0@139 यह एक अजूबा है कि किसी
योकाई ने तुम्हें मार नहीं डाला है।
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Mokou
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#0@140 सच में, अग्नि परीक्षा! अगर तुम मर गए,
तो योकाई तुम्हारी आँतों की दावत उड़ाएँगे...
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Yukari
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#0@141 वो बड़बड़ाती जा रही है।
रेमु, कोई जवाबी हमला?
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Reimu
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#0@142 ठीक है। हम यह अग्नि परीक्षा इसलिए ले रहे हैं
क्योंकि कागुया ने कहा "अरे, वहाँ जाकर देखना" और....
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Mokou
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#0@143 रुको, क्या?
क्या तुमने कहा "कागुया"?
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Reimu
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#0@144 मैंने कहा क्या?
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Yukari
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#0@145 मुझे का-गु-या साफ़ सुनाई दिया।
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Mokou
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#0@146 घ्रााााह!
मुझे पता था तुम्हारे अग्नि परीक्षा में कुछ काला है।
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Mokou
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#0@147 उसके सिवा और कौन हो सकता था?
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Mokou
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#0@148 उसने तुम दोनों को मुझे ख़त्म
कर देने का हुक्म दिया है न?
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Mokou
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#0@149 वो हमेशा, हमेशा मुझे तबाह करने
की कोशिश करती रहती है!
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Mokou
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#0@150 और उसी ने मुझे इस तकलीफ़देह
शरीर में क़ैद कर दिया था।
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Reimu
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#0@151 वो फिर से अपने आप ही उत्तेजित हो रही है।
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Yukari
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#0@152 अरे, इसका फ़ायदा नहीं उठाओगी तो हार जाओगी।
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Mokou
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#0@153 हुँह, ज़रा मैं भी देख लूँ कि
कागुया के नए दूत कितने ताक़तवर हैं?
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Mokou
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#0@154 अगर उसने तुम्हें भेजा है तो
तुम उससे ताक़तवर तो होगे ही।
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Yukari
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#0@155 कितनी साहसी हो। मुझे लगा नहीं था कि
किसी इंसान में मुझसे टक्कर लेने की हिम्मत होगी।
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Yukari
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#0@156 मैं तुम जैसे बस तीन इंसानों को जानती हूँ।
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Reimu
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#0@157 पर मुझे एक इंसान से
लड़ने की इच्छा नहीं है....
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Yukari
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#0@158 क्या कह रही हो?
तुम्हें मारिसा से लड़ने से तो परेशानी नहीं होती।
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Mokou
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#0@159 मुझे एक साधारण इंसान समझने की ग़लती मत करना।
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Mokou
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#0@160 मैं नहीं मरूँगी। मैं मार नहीं सकती।
उस नासमझ कागुया की वजह से।
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Mokou
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#0@161 हाँ, चाहे वो मुझे ख़त्म करने की कितनी
भी कोशिश कर ले, उसका कोई फ़ायदा नहीं।
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Mokou
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#0@162 उसने ये जानते हुए भी तुम्हें यहाँ भेज दिया।
इससे बड़ी परेशानी और क्या हो सकती है?
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Yukari
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#0@163 देखा, रेमु।
तुमने एक और मौका गँवा दिया।
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Reimu
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#0@164 मैं समझी नहीं।
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Reimu
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#0@165 पर अगर वो मर नहीं सकती तो मैं
अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल कर सकती हूँ न?
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Yukari
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#0@166 सो तो है।
उसे अपनी अमरता पर बहुत घमंड है।
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Mokou
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#0@167 अगर तुम पूरा ज़ोर नहीं लगाओगी,
तो ज़िंदगी से हाथ धो बैठोगी।
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Mokou
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#0@168 अब तुम पीछे नहीं मुड़ सकते।
रात के अँधेरे में तुम्हें बस आगे ही बढ़ना है।
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♪ चाँद के लिए हाथ बढ़ाओ, अमर धुँआ
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Mokou
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#0@169 अब, जैसा तुम चाहती थी।
मैं तुम्हारी अग्नि परीक्षा लेना वाली हूँ।
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Fujiwara no Mokou defeated
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Mokou
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#1@60 बाप रे।
तुम वाकई बहुत ताक़तवर हो।
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Yukari
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#1@61 वाह, देखा, वो अब भी ज़िंदा है।
लगता है वह सचमुच नहीं मर सकती।
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Reimu
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#1@62 मैं वाकई हैरान हूँ।
मुझे कई बार लगा कि वो मरने वाली थी।
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Mokou
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#1@63 आह, ऊह, मैं मर नहीं सकती, पर दर्द तो होता है~।
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Yukari
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#1@64 रेमु, यह लड़की काफ़ी दिलचस्प है।
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Reimu
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#1@65 नहीं, उसे तड़पते हुए देखकर भी कह रही हो
कि वो दिलचस्प है?
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Mokou
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#1@66 अगर तुम इतने ताक़तवर हो तो
इस अग्नि परीक्षा का कोई मतलब नहीं बनता।
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Yukari
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#1@67 सचमुच?
ऐसी कुछ चीज़े हैं जिससे मैं डरती हूँ।
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Reimu
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#1@68 जैसे मांजु?
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Yukari
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#1@69 हाँ, वो दिखने में विशाल कीड़ों के अंडों जैसे हैं,
और उनके अंदर का तरल....
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Mokou
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#1@70 नहीीीीं! मांजु बहुत डरावने हैं।
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Reimu
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#1@71 खैर, क्या हमारी अग्नि परीक्षा ख़त्म हो गई?
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Yukari
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#1@72 अरे?
उससे याद आया, हमने इस अग्नि परीक्षा का स्वाद नहीं चखा।
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Reimu
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#1@73 ?
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Yukari
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#1@74 देखो, हमारे सामने जो इंसान है वो स्वादिष्ट है।
उसकी आँतें निकाल दो और चख कर देखो।
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Mokou
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#1@75 छिः।
मैं मरूँगी नहीं, पर वो दर्दनाक है।
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Reimu
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#1@76 और मुझे भला यह योकाई जैसी हरकत
क्यों करनी पड़ेगी?
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Yukari
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#1@77 अरे, अगर तुम एक अमर इंसान के आँतों को खाओगी
तो ख़ुद ही अमर हो जाओगी।
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Reimu
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#1@78 लेकिन मेरा अपनी इंसानियत को त्यागने
का कोई इरादा नहीं है....
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Mokou
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#1@79 ओए, क्या तुम कह रही हो कि मैं इंसान नहीं हूँ?
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Reimu
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#1@80 इंसान हो क्या?
मुझे सचमुच नहीं पता।
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Reimu
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#1@81 खैर, गेनसोक्यो वैसे भी ऐसे चीजों से भरा हुआ है
जिन्हें देखकर इंसान हैं या नहीं, पता नहीं चलता।
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Reimu
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#1@82 इससे ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता कि कैसा शरीर
तुम्हारे आत्मा को रखे हुए है।
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Yukari
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#1@83 पर योकाइयों का नाश करना हाकुरे का कर्तव्य है।
क्या वो योकाइयों के ख़िलाफ़ भेदभाव नहीं है?
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Reimu
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#1@84 मैं अपने शब्द वापस लेती हूँ। योकाइयों का नाश होना चाहिए।
इंसानों को उनका नाश करना चाहिए।
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Reimu
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#1@85 यह एक अटूट परंपरा है।
मैं योकाइयों का नाश करती रहूँगी।
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Yukari
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#1@86 सही कहा।
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