Th11/मारिसा के अंत

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१६ अगस्त २०१६ को ख़त्म हुआ।

अच्छा अंत ४ (मारिसा और ऐलिस)

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#0@0गीज़र।

#0@1गीज़र के आसपास का पानी नहाने के लिए बहुत गर्म था।

#0@2लेकिन, जो रहस्यमय आत्माएँ पहले आती थीं, वे घटने लगी थीं।

Marisa 

#0@3"वाह, यहाँ गरमी है।"

Alice 

#0@4"यह उस नरक के कौवे से गर्म हो रही है।

  

#0@5संलयन ऊर्जा कहते हैं न इसे?

  

#0@6ज़रूर बहुत गर्म होगा।"

Marisa 

#0@7"संलयन ऊर्जा वैसे भी है क्या?"

Alice 

#0@8"सच कहूँ तो मुझे भी नहीं पता, लेकिन यह सूरज की शक्ति है न?"

Marisa 

#0@9"शायद उसे कहकर हम गरमी कम करवा सकते हैं।

  

#0@10ई पास जाने के लिए बहुत खतरनाक है।

  

#0@11योकाई के लिए भी।"

Alice 

#0@12"उससे जाकर पूछती क्यों नहीं?"

Marisa 

#0@13"काश कोई गरमी का रेगुलेटर यहाँ होता....

  

#0@14आह, एक तरीका है!"

Alice 

#0@15"क्या?

  

#0@16ये सारे प्रेत...."

Marisa 

#0@17"गीज़र में डुबकी लगाते उन बुरी आत्माओं से हमको एक तरकीब सूझी है।

  

#0@18अगर हम इसमें कुछ ठंडे प्रेत ठूँस दें, तो ई ठंडा हो जाएगा न?"

Alice 

#0@19"उसके बाद भी.... प्रेतों से सोते में कौन आना चाहेगा?

  

#0@20देखा जाए तो, पहले की आत्माएँ जा चुकी हैं।

  

#0@21मेरी कठपुतलियाँ भी बेक़ाबू नहीं हो रही हैं।"

Marisa 

#0@22"हाँ, शायद ई खतम हो गया।"

Marisa 

#0@23"नहीं, ऊ प्रेत भाग रहे हैं।"

Alice 

#0@24"यह अब भी बहुत गर्म है न?

  

#0@25क्यों न सोते में उबालने के लिए कुछ अंडे के आएँ?"

Marisa 

#0@26"अरे हाँ! हम सोते में उबले अंडों से पैसे पा सकते हैं! संलयन ऊर्जा जबरदस्त है।"

#0@27वे समझ गए कि गीज़र नरक के कौवे के अत्यधिक ऊर्जा से हो रहा था।

#0@28पर वे आत्माएँ ग़ायब क्यों हो गईं?

#0@29उन्हें कारण पता नहीं था, लेकिन गीज़र वैसा था जैसे मारिसा चाहती थी, और ऐलिस की कठपुतलियाँ बेक़ाबू होना बंद गईं, तो उन्होंने इसे रहने दिया।

#0@30साथ ही, भूगर्भ के योकाई ख़ुश थे, और कोई षड्यंत्र नहीं रच रहे थे।

#0@31मारिसा और ऐलिस इस नतीजे पर पहुँचे कि गीज़र से किसी तरह आत्माएँ आने लगी थीं।

#0@32लेकिन कुछ समय बाद, नरक के कौवे ने कुछ अप्रत्याशित कहा।

#0@33उसे अपनी संलयन शक्ति एक पर्वत की देवी से थी।

#0@34यह सुनते ही, दोनों पर्वत के देवालय के लिए निकल पड़े।

#0@35उन्हें भी उस ऊर्जा का एक हिस्सा चाहिए था।

#0@36अंत ४ - "संलयन अंडे फिर भी गर्म सोते के ही अंडे हैं।"

#0@37ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

अच्छा अंत ५ (मारिसा और पचौली)

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#0@0जादुई पुस्तकालय।

#0@1शैतानी सुर्ख़ हवेली के तहख़ाने का अँधेरा पुस्तकालय।

#0@2यहाँ पर कई अनोखे और असामान्य किताबें जमा की गईं हैं।

#0@3अगर आप गंभीरता से खोज करें, तो कुछ भी सीख सकते हैं, रॉकेट बनाने से लेकर मांस पकाने के तरीक़े तक।

Patchouli 

#0@4"बुरी आत्माएँ....बुरी आत्माएँ....बुरी आत्माएँ....

  

#0@5आख़िर में, वे प्रेत हैं जिन्होंने किसी वजह से सानज़ु नदी को पार नहीं किया है।"

Patchouli 

#0@6"अगर एक योकाई मौत के देवताओं के आने से पहले उनका जिस्म चुरा ले, वे बुरी आत्माएँ बन जाती हैं।

  

#0@7हाँ, हाँ। अरे?

  

#0@8'यह सबसे ज़्यादा होता है जब काशा नमक एक योकाई बिल्ली उनका जिस्म चुराती है।'...."

Patchouli 

#0@9"....वह बिल्ली...."

Marisa 

#0@10"बिल्ली का क्या?"

Patchouli 

#0@11"लगता है वह बिल्ली थी जिसने उन आत्माओं को ऊपर भेजा था.... अब वह क्या है?"

Marisa 

#0@12"हमको गीज़र के पास मिला।

  

#0@13अब पता नहीं कि ई बुरी आत्मा है या बस एक प्रेत।"

Patchouli 

#0@14"मेरे पुस्तकालय में अजीब चीज़ें मत लाओ।

  

#0@15वैसे भी उनका फ़र्क बताना आसान है।"

Marisa 

#0@16"सच्ची? तो शायद हम पढ़ाई में पीछे हैं।"

Patchouli 

#0@17"प्रेतों का तापमान कम होता है। बुरी आत्माएँ गर्म होती हैं।"

Marisa 

#0@18"देखते हैं.... बाप रे, ई ठंडा है!

  

#0@19मतलब ई सिर्फ एक प्रेत है।"

Patchouli 

#0@20"ओए, इसे यहाँ मत छोड़ो। जहाँ पर यह मिला था वहाँ वापस ले जाओ।

  

#0@21क्या तुम्हें पता नहीं कि छोड़े गए पालतू जानवर आजकल एक मुसीबत हैं?"

Marisa 

#0@22"हाँ, भूगर्भ में ऊ एक बड़ी मुसीबत थी।"

Patchouli 

#0@23"वह बिल्ली बुरी आत्माएँ लेकर जहाँ-तहाँ भाग रही थी, और वह कौवा आग लेकर तहलका मचा रही थी....

  

#0@24भू आत्माओं का महल अपने पालतू जानवरों का ठीक से ख़्याल रखता तो यह सब कुछ नहीं होता।"

#0@25गीज़र रुका नहीं था, लेकिन बुरी आत्माएँ ग़ायब हो गईं थीं।

#0@26गीज़र धधकते नरक के अतिरिक्त गर्मी को निकालने के ले फूटा था।

#0@27क्योंकि गीज़र से कोई ख़तरा नहीं था, मारिसा और पचौली ने उसे अकेला छोड़ दिया।

#0@28लगता है हाल में, कई पशुपालक अपने पालतू जानवरों से थक गए हैं और उन्हें खुला छोड़ रहे हैं।

#0@29इन जानवरों को अपनी आयु बढ़ाने की शक्ति मिल सकती है

और धीरे-धीरे योकाई बन सकते हैं, और शायद वे

अपने मालिकों के ख़िलाफ़ भी हो जाएँ।

#0@30आप सभी पसुपालकों के लिए, जब आप किसी योकाई को देखें, तो इसे याद रखिए।

#0@31वह योकाई शायद किसी का पालतू जानवर हुआ करता था।

#0@32अंत ५ - "महल के पालतू जानवर शायद पहले से ही योकाई थे।"

#0@33ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

अच्छा अंत ६ (मारिसा और नितोरी)

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#0@0गीज़र।

#0@1गीज़र बनते हैं जब भूगर्भ में जमा पानी गर्म होता है, और भाप का दबाव उसे ज़मीन के ऊपर तक फूटने के लिए मजबूर करता है।

#0@2यह ऊर्जा जिससे आम तौर पर बस गर्म पानी नियमित अंतराल में फूटता था, अब एक नए शुरुआत की बुनियाद थी।

Marisa 

#0@3"क्या कर रही हो?"

Nitori 

#0@4"पर्वत की देवी ने कहा कि संलयन ऊर्जा काप्पाओं

का बदल देगा, पर मुझे पता नहीं कि

इसका उपयोग कैसे करें।"

Nitori 

#0@5"लेकिन, मैं जानती हूँ ये गीज़र संलयन ऊर्जा से बना था।

  

#0@6तो मैंने सोचा कि गीज़र से ऊर्जा खींचने की कोशिश करते हैं।"

Nitori 

#0@7"हो गया।"

Marisa 

#0@7"ऊ क्या है?"

Nitori 

#0@8"इसे टरबाइन कहते हैं। ये पनचक्की जैसा है।

  

#0@9अगर गीज़र का ऊर्जा टरबाइन को घुमाएगा, तो ढेर सारी बिजली पैदा होगी।"

Marisa 

#0@10"पर ऊ बहुत ज्यादा नहीं है क्या?

  

#0@11इस रफ्तार से तो ऊ बाहर भी नहीं निकल पाएगा....

  

#0@12क्यों न एक पनचक्की को झरने के नीचे लगा दो?"

Nitori 

#0@13"हाँ। ऊर्जा परिवर्तन की दर बहुत कम है....।"

Nitori 

#0@14आ, संलयन ऊर्जा होती तो मैं कई चीज़ें आज़मा पाती...."

Marisa 

#0@15"तो उस कौवे का इस्तेमाल काहे नहीं करती? आसान होना चाहिए।"

Nitori 

#0@16"ओ? क्या तुम वो मेरे लिए कर दोगी? मैं भूगर्भ में नहीं जाना चाहती।"

Marisa 

#0@17"ठीीीीक है, हम फिर से भूगर्भ में जाएँगे।

  

#0@18पर अगर सब ठीकठाक हुआ, तो हमको ऊर्जा का कुछ हिस्सा देना।"

#0@19मारिसा का दूसरा भूमिगत अभियान बिना रुकावट के पूरा हुआ।

#0@20यहाँ तक कि नरक की कौवा, उत्सुहो, ने धीरज के साथ मारिसा की बातें सुनी।

#0@21जानवरों के लिए, कमज़ोर लोग बस शिकार हैं, लेकिन वे ताक़तवर लोगों के प्रति आज्ञाकारी हैं।

#0@22उत्सुहो परमाणु संलयन को नियंत्रित कर सकती थी, लेकिन उसे व्यावहारिक प्रयोग में लाने के लिए उसे पर्वत की देवी से कुछ ख़ास परमाणु चाहिए थे।

#0@23दूसरे शब्दों में, वह हमेशा के लिए संलयन प्रक्रिया जारी नहीं रख सकती थी।

#0@24मारिसा को लगा कि उसके पास पर्वत की देवी के पास जाकर संलयन ऊर्जा माँगने के अलावा और कोई चारा नहीं था।

#0@25फिर भी, पर्वत की देवी के पास उसे वह देने का कोई कारण नहीं था।

#0@26अंत ६ - "संलयन ऊर्जा ही भविष्य की आशा है।"

#0@27ऑल क्लियर करने पर बधाई हो! जैसा मैंने सोचा था!

बुरा अंत १० (मारिसा और ऐलिस)

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#0@0गीज़र।

#0@1अगर ध्यान से देखें, तो आपको भूतों के झुंड जैसा कुछ दिखेगा।

#0@2क्या ये प्रतिशोधी आत्माएँ थीं?

Marisa 

#0@3"हाँ, हमको नहीं लगता कि ऊ अब सिर्फ भूत हैं।

  

#0@4कुछ तो अलग है, पर न जाने क्या।"

#0@5चाहे जो भी हो, मारिसा ने प्रतिशोधी आत्माओं और प्रेतों

#0@6का फ़र्क जानने के बारे में सोचा, पर ऐलिस ने उसे रोक दिया।

#0@7उसे पहले उन्हें ऊपर आने से रोकना था।

#0@8अंत १० - "शोध सिर्फ़ अपने ख़ाली समय में कीजिए।"

#0@9बिना जारी रखे ख़त्म करने की कोशिश कीजिए!

बुरा अंत ११ (मारिसा और पचौली)

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#0@0गीज़र।

#0@1अगर ध्यान से देखें, तो आपको भूतों के झुंड जैसा कुछ दिखेगा।

#0@2क्या ये प्रतिशोधी आत्माएँ थीं?

Marisa 

#0@3"ई प्रतिशोधी आत्माएँ हैं क्या?

  

#0@4ई तो बस गरम सोते में तैर रही हैं....

  

#0@5देखके तो लगता नहीं कि इनमें कोई दुर्भावना है।"

#0@6पचौली के अनुसार, अगर ये आत्माएँ अपने जीवन के किसी चीज़ से जुड़ जाएँ, तो वे पूरी दुनिया के ख़िलाफ़ दुर्भावना से भर जाएँगी।

#0@7भले ही देखने में ये साधारण, ख़ुशमिज़ाज आत्माएँ हैं....

#0@8अंत ११ - "शायद भूत वसंत को ठंडा कर देंगी।"

#0@9बिना जारी रखे ख़त्म करने की कोशिश कीजिए!

बुरा अंत १२ (मारिसा और नितोरी)

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#0@0गीज़र।

#0@1इतने पानी को गर्म करने में ऊर्जा लगती है।

#0@2यह वही ऊर्जा होगी जिसके बारे में काप्पा कह रही थी।

Marisa 

#0@3"हाँ, ई तो बहुत सारा ऊर्जा है।

  

#0@4शायद इतना कि एक पर्वत जितना बड़ा ढेर हो।

  

#0@5हमको ई पाना होगा।

  

#0@6क्या नितोरी इसे सच्ची हमारे साथ बाँटेगी?"

#0@7मारिसा को एक योकाई ने भूगर्भ में जाने के लिए मजबूर किया था, पर उसने सोचा कि अगली बार वह ख़ुद अपनी इच्छा से वहाँ जाएगी।

#0@8

#0@8अंत १२ - "सर्वोत्तम वाटर हीटर"

#0@9बिना जारी रखे ख़त्म करने की कोशिश कीजिए!