Th12/रेमु की कहानी 'क'

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१५ अक्तूबर, २०१६ को ख़त्म हुआ।

चरण १

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वसंत के अंत में

Reimu

#0@34वो उड़ती चीज़ कितनी तेज़ है!

Reimu

#0@42बिना कोशिश किए मैं उसे नहीं पकड़ पाऊँगी!

Nazrin enters

???

#0@50गेनसोक्यो कितना छोटा और तंग जगह है।

<Boss title>

Nazrin

#0@122इतनी जल्दबाज़ी में कहाँ जा रही हो?

Reimu

#0@130रास्ते से हटो! अरे? तुम यहाँ पहले भी थी, नन्ही धूसर योकाई।

Reimu

#0@138मुझे तुम जैसे छछूंदरों से कोई काम नहीं जो आसानी से मर जाते हैं!

एक छोटा, छोटा, चालाक सेनापति

Nazrin

#0@146सचमुच? अफ़सोस की बात है।

Reimu

#0@154इस वक़्त भी वो ख़ज़ाने का जहाज़ दूर जा रहा है....

Nazrin

#0@162ख़ज़ाने का जहाज़? तुम्हारा मतलब आकाश में उड़ती "वो" चीज़?

Nazrin

#0@170हाहाहा, नासमझ हो क्या? तुम्हें सचमुच लगता है वो एक ख़ज़ाने का जहाज़ है?

Reimu

#0@178हाँ ठीक है, मैं नासमझ हूँ। अब रास्ते से हट जाओ!

Nazrin

#0@186ख़ज़ाना ढूँढ़ रही हो तो आकाश में मत देखो। रसोईघर के कोनों में बहुत कुछ छिपा होता है।

Nazrin defeated

Reimu

#1@30आह, वो बादलों से होकर निकल गई।

Reimu

#1@38अब मुझे भी बादलों में घुसना पड़ेगा।

Reimu

#1@46मुझे यक़ीन है वहाँ योकाई भरे हुए हैं....

चरण २

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बादलों का बंद रास्ता
Kogasa Tatara enters

???

#0@68रुक जाओ ज़रा~

Reimu

#0@76क्या? तुम बस एक आम योकाई हो।

???

#0@84इतना अशांत होने की ज़रूरत नहीं! मेरे पास बहुत सा ख़ाली समय है~

Reimu

#0@92मैं हमारे सामने उस जहाज़ का पीछा कर रही हूँ।

Reimu

#0@100मेरे पास वक़्त नहीं है तुम जैसों के साथ बर्बाद करने के लिए।

वहाँ हमेशा के लिए छोड़ गए छाते से सावधान

<Boss title>

Kogasa

#0@108पर तुम जहाज़ का पीछा करते हुए भी मेरे साथ खेल सकती हो न?

Reimu

#0@116आह। ख़ाली समय वाला योकाई होना मज़ेदार लगता है। भले ही तुम्हारा काम सिर्फ़ मेरे हाथों विनाश होना है।

Reimu

#0@124लेकिन, ध्यान रखने के किए योकाई बहुत ज़्यादा हैं, तो मैं तुमसे अगली बार निपट लूँगी।

Kogasa

#0@132इसलिए इंसान बिलकुल मज़ेदार नहीं हैं।

Kogasa

#0@140तुम्हारे पास मेरे लिए समय क्यों नहीं है? तुम्हारी दिनचर्या में ख़ाली समय के लिए जगह नहीं होनी चाहिए क्या?

Kogasa

#0@148तुम जब चाहे ख़ज़ाने के जहाज़ का पीछा कर सकती हो।

Reimu

#0@156ख़ाली समय अभी मेरे लिए बेकार है। मैं एक सेकंड भी गँवाना नहीं चाहती।

Kogasa

#0@164पर उसका बेकार होना ही उसकी सुंदरता है। जीवन में सब योजना के अनुसार होता तो बहुत बुरा होता।

Kogasa

#0@172औज़ारों की सुंदरता सिर्फ़ उनके कार्यात्मक होने से नहीं आती। उनके बेकार हिस्से ही हम योकाइयों को....

Reimu

#0@180मुझे एक शापित छतरी भाषण क्यों दे रही है?! ठीक है, मैं उसका पीछा करते हुए तुम्हें हरा दूँगी। ख़ुश?

Kogasa Tatara defeated

Reimu

#1@30आकाश से गिर जाओ, नासमझ छतरी योकाई!

Kogasa

#1@38आह, इंसान कितने कठोर हैं।

Reimu

#1@46तुम्हें देखकर लग रहा था तुम मेरे हाथों पिटना चाहती थी। उसे क्या कहते हैं...?

Kogasa

#1@54परपीड़न, शायद?

Reimu

#1@62वो शायद उसका उलटा है, पर जाने दो। मुझे जहाज़ दिख रहा है, उस तक पहुँचाने के लिए शुक्रिया।

चरण ३

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आकाशी विनाश
Ichirin Kumoi enters

???

#2@30इंसान, परियाँ, और सभी इस जहाज़ के पीछे पड़े हैं.... कहीं वो ख़ज़ाने के कमरे के पीछे तो नहीं?

Reimu

#2@38ख़ज़ाने का कमरा? तो ये जहाज़ वाक़ई....

???

#2@46बहस करने का फ़ायदा नहीं! मैं किसी दुश्मन को दया नहीं दिखाऊँगी!

Ichirin Kumoi defeated

???

#3@30वाह! ऐसे इंसान भी हैं जो इस मुट्ठी को देखकर नहीं भागते?

Reimu

#3@38इस जहाज़ में सचमुच ख़ज़ाना है न? देखकर लग नहीं रहा, पर....

Ichirin Kumoi exits

Reimu

#3@76आह, भाग गई।

Ichirin Kumoi enters

???

#0@68आख़िर किसके पीछे पड़ी हो? ख़ज़ाना? या मेरी बहन की शक्ति?

Reimu

#0@76ज़ाहिर है, ख़ज़ाना!

???

#0@84अच्छा। तो तुम एक साधारण डाकू हो।

Reimu

#0@92ये जहाज़ देखने में काफ़ी बेढंगा है।

<Boss title>

Ichirin

#0@100मुझे अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि और ख़ज़ाना नहीं बचा।

Reimu

#0@108क्या मतलब?

Ichirin

#0@116उड़ने की शक्ति वाला ख़ज़ाना इंसानों में भी बदलाव ले आता है....

Ichirin

#0@124उसका अधिकतर हिस्सा मेरी बहन के निद्रा के समय खो गया। वो इस दुनिया में गिर चुका है।

Reimu

#0@132एँ? तो सोने-चाँदी का क्या?

Ichirin

#0@140सोना-चाँदी? क्या तुम उसके पीछे पड़ी थी?

Ichirin

#0@148वैसा कुछ नहीं था। पैसों में मूल्यवान तो नहीं।

Reimu

#0@156कितना बेकार है।

Ichirin

#0@164....क्या? इस पुजारिन ने क्या....?

Ichirin

#0@172उनज़ान कहता है कि तुम उड़ते ख़ज़ाने के टुकड़ों के पीछे पड़ी हो। क्या ये सच है?

Reimu

#0@180नहीं तो।

Ichirin

#0@188उनज़ान के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है। तो ठीक है!

Ichirin

#0@196तुम बात छिपाने के ज़रूरत नहीं। तुम आकाश में उड़ते हुए टुकड़ों को इकट्ठा कर रही थी न?

Ichirin

#0@204तुम भी मेरी बहन को जीवित करने की कोशिश कर रही होगी! बहुत अच्छे!

Reimu

#0@212क्या कहती जा रही हो?! मुझे बस लगा इस जहाज़ में ख़ज़ाना है!

पारंपरिक बुड्ढा और शौक़ीन लड़की

Ichirin

#0@220कोई बात नहीं। बस वो ख़ज़ाना मुझे दे दो!

Ichirin Kumoi defeated

Ichirin

#1@30तुम शक्तिशाली हो। उनज़ान कहता है तुम ज़रूर बहुत प्रसिद्ध हो।

Reimu

#1@38स-सचमुच? हाँ, हो सकता है।

Ichirin

#1@46जिन तैरते टुकड़ों को तुमने ढूँढ़ा है, वो मेरी बहन के पुनर्जीवन के लिए ज़रूरी हैं।

Ichirin

#1@54इसलिए उन्हें अंदर ले आओ।

Reimu

#1@62यहाँ कोई ख़ज़ाना नहीं है न? बेमतलब का निराशा।

Reimu

#1@70ख़ैर, मुझे जाकर देखना होगा ये जहाज़ है क्या।

Reimu

#1@78लगता नहीं मुझे इसके बदले में कुछ मिलेगा।

चरण ४

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भूतहा जहाज़ की अंतराल में यात्रा

Reimu

#0@34अच्छा। तो इस जहाज़ में कुछ भी नहीं है।

Reimu

#0@42चलो, ये जाँच ख़त्म हो गई। कितना बेकार था।

Reimu

#0@50बस इतना हो रहा है कि ये जहाज़ यहाँ-वहाँ उड़ रही है।

Reimu

#0@58ये ख़ज़ाने का जहाज़ नहीं है तो इसका क्या मतलब। ये सिर्फ़ एक डिब्बा है।

Minamitsu Murasa enters
कप्तान मुरासा

???

#0@66क्या वहाँ कोई है?

???

#0@138एक इंसान....? या तुमने अपनी इंसानियत त्याग दी है?

Reimu

#0@146हुँ, लगता है मैं कुछ भूल रही थी। यहाँ एक योकाई है! मुझे तुम्हें हराना है!

???

#0@154अच्छा, तुम इंसान हो न?

???

#0@162तुम्हें ख़ज़ानों को वापस रखकर इस जहाज़ को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

???

#0@170हम जल्द ही अपनी मंज़िल पहुँच जाएँगे। वहाँ से और वापस नहीं मुड़ेंगे।

Reimu

#0@178मंज़िल? आख़िर कौन.... हो तुम?

<Boss title>

Minamitsu

#0@186आह, मैं तो भूल ही गई। मेरा नाम है मुरासा, इस पवित्र पालकी की कप्तान।

Reimu

#0@194कप्तान?

Minamitsu

#0@202ये जहाज़ इस दुनिया को छोड़ एक नई जगह जा रहा है, जहाँ हिजिरी जी क़ैद हैं।

Minamitsu

#0@210वहाँ हम हिजिरी जी को जीवित करेंगे, और सब अपनी मुसीबतें भुला पाएँगे।

Minamitsu

#0@218एक जन्नत बनाएँगे जहाँ कोई हमें हटा नहीं सकता.... एक आज़ाद भविष्य बनाएँगे जहाँ हम अपनी शक्तियों का खुलकर इस्तेमाल कर सकेंगे....

Minamitsu

#0@226वही जन्नत इस जहाज़ की मंज़िल है। हिजिरी जी को इसी आदर्श की तलाश थी।

Minamitsu

#0@234इसलिए जिसका इस दुनिया से थोड़ा भी संबंध है, उसे उतर जाना चाहिए। तुम क्या करोगी?

Reimu

#0@242मैं तुम्हारी बातें समझी नहीं, लेकिन....

Reimu

#0@250मैं इतना समझी कि ये ख़ज़ाने का जहाज़ नहीं है।

Reimu

#0@258ये जादुई जहाज़ योकाइयों का अड्डा है न? मैं इसे अनदेखा नहीं कर सकती।

Minamitsu

#0@266अनदेखा नहीं कर सकती तो?

Reimu

#0@274तो मुझे बस कप्तान को हराकर इस जहाज़ को आसमान के गिराना पड़ेगा।

Minamitsu

#0@282मैं बताना भूल गई थी, पर दूसरी दुनिया में जाने के लिए हमें उस ख़ज़ाने की सख़्त ज़रूरत है।

Minamitsu

#0@290जो रहस्यमय उड़ती चीज़ें तुम्हारे पास हैं, वो उस ख़ज़ाने के टुकड़े हैं।

Reimu

#0@298मतलब तुम इन्हें इकट्ठा करने की कोशिश कर रही हो?

Minamitsu

#0@306मैं आशा कर रही थी तुम हमारा सहयोग करोगी, पर.... अफ़सोस।

Minamitsu

#0@314लगता है तुम्हारे यहाँ होने से हमारे डूबने के ख़तरा है। जहाज़ से निकलकर शापित सागरों में डूब जाओ!

Minamitsu Murasa defeated

Minamitsu

#1@30इस शक्ति ने कई योकाइयों को डुबा दिया है न?

Reimu

#1@38बिलकुल! इसलिए अपने दुष्कर्म बंद करो!

Minamitsu

#1@46पर हम कुछ बुरा तो नहीं कर रहे।

Reimu

#1@54बिलकुल कर रही हो। तुम योकाई हो न?

Minamitsu

#1@62मैं योकाई होना बंद नहीं कर सकती~

Reimu

#1@70ये जहाज़ रुक नहीं रही है न? भले ही कप्तान कुछ नहीं कर रही।

Minamitsu

#1@78ये स्वचालित मोड में है।

Reimu

#1@86अब मुझे पता है कि ये ख़ज़ाने का जहाज़ नहीं है, मुझे इसमें ख़ास दिलचस्पी नहीं।

Reimu

#1@94मुझे इस जहाज़ की असलियत पता है।

Reimu

#1@102अब पता लगाना है ये कहाँ जा रही है!

चरण ५

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ग्रामीण माकाई शहर की एसोटेरिया
Nazrin enters

Nazrin

#2@30अरे? तुम भी माकाई आ गई?

Reimu

#2@38हम पहले कहीं मिले हैं क्या? रुको, माकाई?

Reimu

#2@46वो नासमझ कप्तान। मतलब तुम माकाई की ओर जा रहे थे?

Nazrin

#2@54तो वो ख़ज़ाने के साथ तुम्हें भी माकाई ले आई।

Nazrin

#2@62कप्तान मुरासा ने अच्छा किया।

Nazrin

#2@70इसी बीच, मुझे वो दूसरा ख़ज़ाना मिल गया जिसे मैं ढूँढ़ रही थी।

Nazrin

#2@78शायद इस वैश्रवण पगोडा को अपने मालकिन को सौंपने से पहले, मैं इसकी शक्ति को तुम पर आज़माकर देखूँगी।

Nazrin defeated

Reimu

#0@34तो ये माकाई है....

Reimu

#0@42अब समझी मुझे यहाँ इतना बुरा क्यों महसूस हो रहा है।

Reimu

#0@50तो वो इतनी दूर एक मुहर तोड़ने आए हैं? वो अच्छा नहीं हो सकता।

Shou Toramaru enters

???

#0@58मैं तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही थी!

???

#0@130तुम ही वो इंसान हो न जिसने उड़ते ख़ज़ाने को इकट्ठा किया? तुम मेरी कल्पना से बहुत दुबले हो।

Reimu

#0@138वैसा मत कहो।

???

#0@146हाँ, ठीक कहा।

???

#0@154मुझे बस लगा कि यदि तुम इतनी दूर आई हो तो शायद तुम एक तपस्वी पंडित हो।

Reimu

#0@162वैसे, मेरा यहाँ बहुत कुछ सीखने का इरादा है।

<Boss title>

Shou

#0@170मैं हूँ वैश्रवण की प्रतिनिधि, हिजिरी जी के पंथ की भक्त।

Shou

#0@178अब हमारे पास नाज़रिन का लाया मणियों से सजा पगोडा है, और तुम्हारे पास उड़ते भंडार के टुकड़े हैं।

Shou

#0@186जिससे हम ये मुहर तोड़ सकते हैं। हम हिजिरी जी के प्रति अपना आभार प्रकट कर सकते हैं।

Reimu

#0@194जो ख़ज़ाना मैं लाई हूँ? ये उड़न तश्तरी के खिलौने?

Shou

#0@202उड़न तश्तरी? हाँ, तुम वैसा कह सकती हो।

Shou

#0@210अब चलो, मिलकर होक्काई में प्रकाश ले--

Reimu

#0@218किसे परवाह है!

Reimu

#0@226मैं बस एक ख़ज़ाने के जहाज़ का पीछा करते हुए इतनी दूर आई!

Shou

#0@234ख़ज़ाने.... का जहाज़?

Reimu

#0@242जब मैंने अंदर झाँका, जहाज़ ख़ाली था।

Reimu

#0@250मुझे लगा शायद जहाज़ में कुछ होगा, और अचानक मैं माकाई पहुँच गई।

Reimu

#0@258मैं इससे तंग आ चुकी हूँ!

Shou

#0@266निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं।

Shou

#0@274तुम इस पवित्र पालकी को ख़ज़ाने का जहाज़ कह सकती हो।

Reimu

#0@282क्या?

Shou

#0@290भाग्य के सात देवता ख़ज़ाने के जहाज़ की सवारी करते हैं न?

Shou

#0@298और उनमें से एक, वैश्रवण, यहाँ है। सौभाग्यशाली हो न?

Reimu

#0@306जो भी हो।

Reimu

#0@314देखो, मैं तुम्हें हराऊँगी, फिर उस क़ैद व्यक्ति को, और घर लौट जाऊँगी।

बाघ रूपी वैश्रवण

Shou

#0@322ठीक है। यदि तुम मुझसे लड़ना चाहती हो, तो मैं तुम्हारी प्रतिद्वंद्वी बनूँगी।

Shou

#0@330परंतु, यदि तुमने ग़लत रास्ता चुना है....

Shou

#0@338तो तुम धर्म के प्रकाश की साक्षी बनोगी जो माकाई में और भी अधिक चमकती है--

Shou

#0@346और इस वैश्रवण के पगोडे के सामने झुक जाओगी!

Shou Toramaru defeated

Shou

#1@30अद्भुत। मैं समझ गई तुम कैसे ख़ज़ाने को इकट्ठा कर पाई।

Reimu

#1@38मैं तुम जैसे किसी को नाश्ते से पहले हरा सकती थी।

Shou

#1@46तो, मुझे हराने के बाद, तुम अब क्या करोगी?

Reimu

#1@54ओए! तुम्हें ही तश्तरी का खिलौना चाहिए न? मुहर को तोड़ने के लिए?

Reimu

#1@62चलो देखते हैं आख़िर कौन क़ैद है।

Shou

#1@70हाँ, तुम समूह में नई आई हो, पर मुहर को तोड़ने की तैयारी करते हैं।

Reimu

#1@78हुँ! मैं उस क़ैद व्यक्ति को हरा दूँगी, और ये किस्सा ख़त्म हो जाएगा।

Shou

#1@86कृपया हिजिरी जी की हँसी मत उड़ाओ। मुहर टूट चुका है।

चरण ६

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होक्काई की आग

Reimu

#0@34तो, अब बाहर निकलो।

Reimu

#0@42मुझे पता है तुम अंदर यहीं-कहीं क़ैद हो, ठीक है?

Reimu

#0@50मैं किसी को सुन नहीं सकती....

Reimu

#0@58कितनी रहस्यमय जगह है। मैं किसी को महसूस नहीं कर पा रही।

Byakuren Hijiri enters

???

#0@66ओ, धर्म का विश्व प्रकाश से भरा है।

???

#0@138क्या तुम ही हो जिसने इस विश्व को मुक्त किया?

Reimu

#0@146ढूँढ़ लिया। तुम ही उन योकाइयों की मालकिन हो न?

???

#0@154योकाई? मालकिन?

Reimu

#0@162हाँ, वो योकाई तुम्हें पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे।

???

#0@170सचमुच....

???

#0@178भले भी मैं एक हज़ार वर्षों से उनके लिए कुछ नहीं कर पाई हूँ....

???

#0@186तो मुझे स्मरण करने वाले योकाई अब भी हैं।

Reimu

#0@194तो, तुम हो कौन?

<Boss title>

Byakuren

#0@202मेरा नाम है ब्याकुरेन।

Byakuren

#0@210कई, कई वर्ष पहले मैं एक भिक्षु थी।

Byakuren

#0@218तुम एक पुजारिन हो न?

Byakuren

#0@226क्या तुम यहाँ मुझे फिर से क़ैद करने आई हो?

Reimu

#0@234अरे, हाँ। बिलकुल सही।

Byakuren

#0@242तुम एक और योकाइयों की अत्याचारी हो न?

Byakuren

#0@250मुझे यह अनुभव हुआ है कि देवता और बुद्ध योकाइयों से अलग नहीं हैं।

Byakuren

#0@258परंतु योकाइयों से घृणा की जाती है और देवताओं को पूजा जाता है। केवल इसलिए कि इंसानों ने ऐसा निर्णय लिया।

Reimu

#0@266अरे? वैसे मैंने देवताओं को भी हराया है....

Byakuren

#0@274हाँ, मेरे सूचीपत्र बुद्ध के प्रकाश से भरे हैं।

Byakuren

#0@282मुझे अब से सुनिश्चित करना होगा कि मैं उनके प्रति अपना आभार प्रकट करूँ जिन्होंने मुझे मुक्त किया।

Reimu

#0@290क्या तुम्हें अकेला छोड़ना सचमुच ठीक होगा?

Byakuren

#0@298मैं तुम्हारे योकाइयों को नष्ट करने की इच्छा को नहीं बदल सकती।

Byakuren

#0@306परंतु, यदि तुम मुझे फिर क़ैद करना चाहती हो....

भावुक गगनचुंबी भवन ~ लौकिक मन

Byakuren

#0@314मैं अपनी पूरी शक्ति से तुम्हारा विरोध करूँगी।

Reimu

#0@322तो शुरू हो जाते हैं!

Reimu

#0@330मैं हर किसी को हरा दूँगी जो योकाइयों का साथी है!

Byakuren

#0@338इंसान मेरे मंदिर में समय से नहीं बदले हैं।

Byakuren

#0@346कितनी मूर्ख और स्वार्थी हो! अब, तीन ख़ज़ानों के नाम पर--!

Byakuren Hijiri defeated
  • If player continued
Bad Ending #07
  • If player didn't continue
Good Ending #01