Th12/सानाए की कहानी 'ख'

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चरण १

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वसंत के अंत में

Sanae

#0@34लगता है वो जहाज़ बस आगे-पीछे जा रही है....

Sanae

#0@42कहना कठिन है कि वो गश्त लगा रहा था। तब लगा जैसे वो मेरा पीछा कर रही हो।

Nazrin enters

???

#0@50वो तुम्हारा पीछा नहीं कर रही थी।

<Boss title>

Nazrin

#0@122वो ख़ज़ाने से प्रतिक्रिया ढूँढ़ रही है।

Sanae

#0@130आह! चूहा, चूहा!

Nazrin

#0@138....छि। कितना निराशाजनक है।

Nazrin

#0@146लगता है ख़ज़ाने की प्रतिक्रिया तुमसे आ रही थी। वैसे, अगर यहाँ एक इंसान है....

Sanae

#0@154क्या कह रही हो? क्या उम मुझे खोज रही थी?

एक छोटा, छोटा, चालाक सेनापति

Nazrin

#0@162मैं वैसा क्यों करूँगी?

Nazrin

#0@170अगर मेरे चूहों को इंसानों से प्रतिक्रिया मिली तो बुरा होगा। वो खाने की मशीनें हैं।

Sanae

#0@178क्या चूहे इंसानों को खाते हैं?

Sanae

#0@186आहाहाहा~ अच्छा मज़ाक है।

Nazrin

#0@194हाँ, वैसा होता है।

Nazrin

#0@202तुम एक अजीब इंसान हो अगर तुम्हें चूहों से डर नहीं लगता।

Nazrin defeated

Sanae

#1@30अच्छा। तो गेनसोक्यो से चूहे इंसानों को खाते हैं।

Sanae

#1@38शायद यही अच्छा होगा यदि इंसान भी चूहों को खाएँ।

Sanae

#1@46....

Sanae

#1@54नहीं.... वो बहुत अजीब होगा।

चरण २

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बादलों का बंद रास्ता
Kogasa Tatara enters

???

#0@68रुक जाओ ज़रा~

Sanae

#0@76हाँ, क्या हुआ?

???

#0@84भू~ऊ~

Sanae

#0@92....

Sanae

#0@100बार-बार भूमि का नाम क्यों ले रही हो?

???

#0@108भू~?

Sanae

#0@116हाँ ठीक है। पर हम भूमि पर नहीं हैं।

<Boss title>

वहाँ हमेशा के लिए छोड़ गए छाते से सावधान

Kogasa

#0@124....क्या मुझे देख तुम चौंक नहीं रही?

Sanae

#0@132इस युग में जहाँ तुम एक कमरे में एक छोटा हेलिकॉप्टर उड़ा सकते हो,

Sanae

#0@140तो किसी को भी एक उड़ती छतरी जैसे वस्तु से हैरान नहीं होना चाहिए।

Kogasa

#0@148तुम्हारा मतलब मैं समय से पीछे हूँ?

Sanae

#0@156हाँ, तुम्हारा ये अजीब सा व्यवहार है। और वैसे भी, भुतहा छतरी समय से पीछे ही हैं।

Sanae

#0@164खैर, वो छतरी वैसी क्यों है? वो बैगन जैसी दिख रही है।

Kogasa

#0@172*सिसकी* और मैंने योकाई जैसा दिखने की पूरी कोशिश की।

Kogasa

#0@180मुझे शायद फेंक दिया गया क्योंकि मेरी बनावट में थोड़ी गड़बड़ थी....

Kogasa

#0@188मैंने सोचा कि मैं उस इंसान से बदला लूँ, और एक योकाई में बदल गई....

Sanae

#0@196आ, क्षमा करना पर, मैंने कुछ ग़लत कह दिया क्या?

Kogasa

#0@204कोई बात नहीं। योकाई इसी तरह अकेले रहकर ग़ायब हो जाते हैं।

Sanae

#0@212द-देखो, मेरे कहना का वो अर्थ नहीं था....

Sanae

#0@220बस बात ये है कि यदि एक मित्र से मुझे ऐसी छतरी मिले, तो मैं शायद मना कर के वर्षा में भीगना पसंद करूँगी।

Kogasa

#0@228ठीक है, अगर तुम एक योकाई की भावनाओं को नहीं समझ सकती तो तेज़ाबी बारिश में गल जाओ!

Kogasa Tatara defeated

Kogasa

#1@30मैं ये और बर्दाश्त नहीं कर सकती।

Sanae

#1@38तो केवल चूहे ही नहीं, छतरी भी मुझे गंभीरता से नहीं ले रहे।

Sanae

#1@46ये मेरा अंत है.... मेरी इंसानी गरिमा का क्या....?

Kogasa

#1@54धत तेरी की! मुझे नीचे जाकर तुम्हारे देवालय को तोड़ डालना चाहिए।

Sanae

#1@62अरे, इतनी आत्मघाती मत बनो।

Sanae

#1@70नहीं तो मुझे सचमुच तुम्हें मिटा देना पड़ेगा।

चरण ३

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आकाशी विनाश
Ichirin Kumoi enters

???

#2@30इंसान, परियाँ, और सभी इस जहाज़ के पीछे पड़े हैं.... कहीं वो ख़ज़ाने के कमरे के पीछे तो नहीं?

Sanae

#2@38क्या? ख़ज़ाना?

???

#2@46बहस करने का फ़ायदा नहीं! मैं किसी दुश्मन को दया नहीं दिखाऊँगी!

Ichirin Kumoi defeated

???

#3@30वाह! ऐसे इंसान भी हैं जो इस मुट्ठी को देखकर नहीं भागते?

Sanae

#3@38सही कहा। इंसान भी अपना काम पूरा करते हैं।

Ichirin Kumoi exits

Sanae

#3@76आह, भागो मत!

Ichirin Kumoi enters

???

#0@68आख़िर किसके पीछे पड़ी हो? ख़ज़ाना? या मेरी बहन की शक्ति?

Sanae

#0@76मैं बस जाँच कर रही हूँ। बहुत अकादमिक है।

???

#0@84अकादमिक?

???

#0@92आह, तुम बस एक बदमाश हो जो विज्ञान का बहाना देकर अवशेषों में तोड़फोड़ करती है।

Sanae

#0@100....अरे, अब ऐसा है क्या?

<Boss title>

Ichirin

#0@108मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं इस जगह के ख़ज़ाने को ऐसे लोगों से सुरक्षित रखूँ।

Sanae

#0@116औत तुम उसे अच्छे से निभा रही हो।

Ichirin

#0@124तुम उन लोगों में शामिल हो!

Sanae

#0@132मैं बस एक अकादमिक जाँच करना चाहती थी....

Ichirin

#0@140जैसा मैंने कहा, एक ही बात है। तुम बस एक आम चोर हो।

Ichirin

#0@148....क्या? इस पुजारिन ने क्या....?

Ichirin

#0@156उनज़ान कहता है कि तुम उड़ते ख़ज़ाने के टुकड़े इकट्ठा कर रही हो।

Sanae

#0@164उड़ते ख़ज़ाने के टुकड़े?

Ichirin

#0@172माफ़ करना, मैंने तुम्हें कोई और समझ लिया।

Ichirin

#0@180तुम परियों के चुराए हुए टुकड़ों को इकट्ठा कर रही थी न? और वो बिना जाने मैं तुमसे ऐसे पेश आ रही थी....

Sanae

#0@188क्या? क्या? ये क्या हुआ?

पारंपरिक बुड्ढा और शौक़ीन लड़की

Ichirin

#0@196अब, अगर तुम मुझे वो उड़ता ख़ज़ाना सौंप दोगी, तो मैं अपनी सबसे बड़ी इच्छा पूरी कर सकूँगी!

Ichirin Kumoi defeated

Ichirin

#1@30क्या बात है। विश्वास नहीं होता कि इस दुनिया में भी ऐसे इंसान हैं।

Sanae

#1@38उड़ता ख़ज़ाना....?

Sanae

#1@46क्या तुम उन P और 点 वाले टुकड़ों की बात कर रही हो?

Ichirin

#1@54अब, उस एकत्रित उड़ते ख़ज़ाने को साथ लिए बेझिझक अंदर जाओ।

Ichirin

#1@62उससे मेरी बहन को पुनर्जीवन मिलेगा।

Sanae

#1@70अरे? मैं अंदर जा सकती हूँ?

Sanae

#1@78तो चलो चलते हैं।

चरण ४

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भूतहा जहाज़ की अंतराल में यात्रा

Sanae

#0@34ये कैसा स्थान है....?

Sanae

#0@42मुझे लगा एक उड़ता जहाज़ अंदर से अधिक मशीनी होगा पर....

Sanae

#0@50ये तो एक सुनसान बंगले जैसा पुराना है।

Sanae

#0@58मुझे गंभीरता से यहाँ की पूरी जाँच-पड़ताल करनी होगी नहीं तो सब बेकार हो जाएगा।

Minamitsu Murasa enters
कप्तान मुरासा

???

#0@66क्या वहाँ कोई है?

Sanae

#0@138आ! तुमने मुझे डरा दिया।

???

#0@146अरे, एक इंसान? और वो अपने साथ उड़ता ख़ज़ाना भी लाई है।

Sanae

#0@154उड़ता ख़ज़ाना? वो योकाई भी इसके बारे में बात कर रही थी।

Sanae

#0@162ये उड़ता ख़ज़ाना है क्या?

???

#0@170ये हिजिरी जी के मुहर को तोड़कर उन्हें जीवित करने के लिए ज़रूरी है।

???

#0@178हमने चूहों को उसे ढूँढ़ने के काम पर लगाया था.... वो सब आख़िर क्या कर रहे हैं?

Sanae

#0@186चूहा.... मैंने शायद एक चूहा देखा।

Sanae

#0@194आह, वो योकाई जो इंसानों को खाने की बात कर रही थी?

Sanae

#0@202उफ़, इंसानों का मज़ाक उड़कर उसने मेरे नाम में दम कर दिया....।

<Boss title>

Minamitsu

#0@210आह, मैं तो भूल ही गई। मेरा नाम है मुरासा, इस पवित्र पालकी की कप्तान।

Minamitsu

#0@218मैं ख़ुश हूँ कि तुम उड़ता ख़ज़ाना ले आई।

Minamitsu

#0@226पर मैं नहीं चाहूँगी कि इस दुनिया से जुड़ा कोई व्यक्ति इस जहाज़ पर हो।

Sanae

#0@234क्या? मैं बस यहाँ जाँच करने आई थी।

Minamitsu

#0@242कृपया उन ख़ज़ानों को यहाँ छोड़ कर जहाज़ से उतर जाओ।

Sanae

#0@250अरेरे, क्या तुम भी इंसानों का मज़ाक उड़ाने का प्रयास कर रही हो?

Sanae

#0@258मैं वैसा करने नहीं दूँगी!

Sanae

#0@266तुम मुझे गंभीरता से नहीं ले रही हो क्योंकि रेमु और उसे मित्र कहीं और मटरगश्ती कर रहे हैं!

Minamitsu

#0@274क्या इसका मतलब है....

Minamitsu

#0@282तुम्हारा जहाज़ से उतरने का इरादा नहीं?

Sanae

#0@290मैं तुम्हें हराकर हमारी इंसानी गरिमा को वापस लाऊँगी!

Minamitsu

#0@298अच्छा, तो ठीक है।

Minamitsu

#0@306मैं तुमसे लड़कर उन ख़ज़ानो को ज़बरदस्ती से लेने वाली थी।

Minamitsu Murasa defeated

Minamitsu

#1@30शक्तिशाली.... आख़िर कौन हो तुम?

Sanae

#1@38मैं हूँ सानाए कोचिया, एक इंसान जो देवी भी है!

Sanae

#1@46मैं किसी योकाई से नहीं हारूँगी!

Minamitsu

#1@54अच्छा.... तो तुम एक देवी हो। इसीलिए तुम इतनी ताक़तवर हो।

Minamitsu

#1@62तो, तुम्हारे उतरने के बारे में झूठ बोलने के लिए माफ़ कर दो।

Sanae

#1@70क्या?

Minamitsu

#1@78मैं तुम्हें लड़ाई के लिए भड़काकर समय निकाल रही थी ताकि तुम ख़ज़ाना लेकर चली न जाओ।

Sanae

#1@86आह, ऐसा है क्या।

Minamitsu

#1@94हम ख़ज़ाना को सुरक्षित साथ लिए जल्द ही मंज़िल तक पहुँचेंगे।

Minamitsu

#1@102ये जहाज़ पीछे नहीं मुड़ेगा। अब तुम भी दानवों के दुनिया की नागरिक हो।

चरण ५

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ग्रामीण माकाई शहर की एसोटेरिया
Nazrin enters

Nazrin

#2@30अरे? तुम भी माकाई आ गई?

Sanae

#2@38अरे, ये तो वही चुहिया है-!

Sanae

#2@46जहाज़ की कप्तान तुम्हें खोज रही थी, पता है? सोच रही थी की "वो सब आख़िर क्या कर रहे हैं?"

Nazrin

#2@54आह, सचमुच? दरअसल मैं कुछ और ढूँढ़ रही थी, ये बात कप्तान को पता नहीं है।

Nazrin

#2@62तुम्हारे खोजे उड़ते ख़ज़ाने के साथ-साथ मैं इस मणियों से सजे पगोडे को ढूँढ़ रही थी।

Nazrin

#2@70मुझे आख़िरकार ये एक चोर बाज़ार में मिली। पर इसके लिए मुझे बहुत ऊँची क़ीमत देनी पड़ी।

Sanae

#2@78अच्छा....

Sanae

#2@86आह, याद आया। तुम उस समय इंसानों को खाने की बात कर रही थी न?

Sanae

#2@94अब बदले का समय है!

Nazrin

#2@102तुम एक दिलचस्प इंसान हो। ये पगोडा मेरी मालकिन का है, पर देखते हैं कि ये कितना प्रकाश निकाल सकता है!

Nazrin defeated

Sanae

#0@34विश्वास नहीं होता कि ऐसी एक दुनिया है....

Sanae

#0@42मैं समझ नहीं पाई कि जहाज़ कहाँ जा रही थी, पर ये स्थान अस्थायी लगती है।

Sanae

#0@50क्या ये राक्षसों की दुनिया है....?

Shou Toramaru enters

???

#0@58हाँ, सही कहा। ये माकाई है।

Sanae

#0@130क्या? माकाई?

???

#0@138माकाई का भयंकर और अलौकिक स्वरूप के कारण अधिकतर प्राणियों के लिए यहाँ जीना कठिन है।

???

#0@146परंतु, कुछ योकाई यहाँ रहते हैं, और इंसान यहाँ जादू सीख सकते हैं।

Sanae

#0@154आख़िर कौन हो तुम?

<Boss title>

Shou

#0@162मैं हूँ वैश्रवण की प्रतिनिधि, हिजिरी जी के पंथ की भक्त।

Shou

#0@170अब हमारे पास नाज़रिन का लाया मणियों से सजा पगोडा है, और तुम्हारे पास उड़ते भंडार के टुकड़े हैं।

Shou

#0@178जिससे हम ये मुहर तोड़ सकते हैं। हम हिजिरी जी के प्रति अपना आभार प्रकट कर सकते हैं।

Sanae

#0@186हिजिरी कौन है?

Shou

#0@194हिजिरी एक पवित्र व्यक्ति हैं।

Shou

#0@202जहाँ तक मुझे पता है, हिजिरी जी सबसे आदर्श इंसान हैं, जिनका हृदय दया से परिपूर्ण है।

Shou

#0@210पर क्योंकि उन्होंने माकाई की शक्ति प्राप्त करने का प्रयास किया, कुछ मूर्ख इंसानों ने उन्हें क़ैद कर दिया।

Shou

#0@218अब आओ, मिलकर मुहर को तोड़ते हैं।

Sanae

#0@226हुँ, लगता है अंत में बस मुझे इस मुहर को तोड़ना है?

Sanae

#0@234....

Sanae

#0@242मैं थोड़ी चिंतित हूँ~ हिजिरी किस प्रकार की इंसान हैं?

Sanae

#0@250पर उससे पहले.... मुझे लगता नहीं कि तुम एक भक्तिपूर्ण योकाई हो।

Sanae

#0@258उस मुहर को मैं तोड़ूँगी। और मैं उस मणि सजे पगोडे को ले जाऊँगी!

बाघ रूपी वैश्रवण

Shou

#0@266ऐसा क्या? मुहर को तोड़ दोगी तो अच्छा होगा।

Shou

#0@274परंतु यदि तुम्हारे हृदय में बुराई है....

Shou

#0@282तो तुम धर्म के प्रकाश की साक्षी बनोगी जो माकाई में और भी अधिक चमकती है--

Shou

#0@290और इस वैश्रवण के पगोडे के सामने झुक जाओगी!

Shou Toramaru defeated

Shou

#1@30मैं हार गई..., अर्थात् तुम जो कर रही हो वो ग़लत नहीं है।

Sanae

#1@38बढ़िया! तो वो पगोडा मुझे दे दो!

Shou

#1@46बस थोड़े समय के लिए, ठीक है? इसे लेकर भाग मत जाना।

Sanae

#1@54ठीक है, तो अब बस....

Sanae

#1@62....

Sanae

#1@70अँ, तो मैं मुहर को कैसे तोड़ूँ?

Shou

#1@78इस प्रकार~ तुम्हें इसे ऐसे घुमाना है।

Sanae

#1@86वाह, मुहर ग़ायब हो रही है....

Shou

#1@94आह, होक्काई में सैंकड़ों वर्षों में पहली बार पवन प्रवेश कर रही है!

चरण ६

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होक्काई की आग

Sanae

#0@34तो अब मुहर टूट चुका है।

Sanae

#0@42ठीक ही है, क्योंकि ये सब एक जाँच के लिए है।

Sanae

#0@50यदि मैं यहाँ क़ैद व्यक्ति की ध्यान से जाँच करूँ, तो सुवाको जी मुझ पर प्रसन्न होंगी।

Byakuren Hijiri enters

???

#0@58आह, धर्म का विश्व प्रकाश से भरा है।

???

#0@130क्या तुम ही हो जिसने इस विश्व को मुक्त किया?

Sanae

#0@138आह, तुम वही व्यक्ति हो जो यहाँ क़ैद था?

???

#0@146हाँ, मैं हूँ।

Sanae

#0@154तो कौन हो तुम?

<Boss title>

Byakuren

#0@162मेरा नाम है ब्याकुरेन।

Byakuren

#0@170कई वर्ष पहले मैं एक बौद्ध भिक्षु थी।

Byakuren

#0@178तुम एक पुजारिन हो न?

Sanae

#0@186हाँ, सो तो है। पर साथ-साथ मैं एक देवी भी हूँ।

Byakuren

#0@194एक देवी? भला एक देवी माकाई में क्या कर रही है?

Sanae

#0@202मैं आकाश में उड़ते जहाज़ की जाँच कर रही थी, और इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाई, मैं यहाँ थी।

Byakuren

#0@210ठीक है, ये बात है.... तुमने यहाँ के मुहर को कैसे तोड़ा?

Byakuren

#0@218ये मुहर बहुत विशेष था।

Byakuren

#0@226इसे मेरे भाई म्योरेन के छोड़े गए एकमात्र ख़ज़ाने से बनाया गया था।

Byakuren

#0@234उसे ख़ज़ाने के मिट्टी के नीचे दबने से, मैं पूर्ण रूप से क़ैद थी।

Byakuren

#0@242तुमने इस मुहर को कैसे तोड़ा?

Sanae

#0@250वैसे, ये हुआ फिर वो हुआ, और....

Byakuren

#0@258तुम अवश्य कोई विशेष व्यक्ति हो।

Sanae

#0@266सो तो है, मैं एक देवी जो हूँ।

Sanae

#0@274मैं ये समझी कि वो योकाई तुम्हें जीवित करने का प्रयास कर रहे थे, पर क्यों?

Byakuren

#0@282योकाई.... क्या वे एक बाघ, एक जहाज़ी प्रेत, और एक न्यूदो थे?

Sanae

#0@290हाँ, वैसा तो है।

Byakuren

#0@298अच्छा.... तो इतने वर्षों बाद भी वे मुझे भूले नहीं हैं।

Byakuren

#0@306भले ही मैं एक हज़ार वर्षों से उनकी सहायता नहीं कर सकी हूँ।

Sanae

#0@314उनकी सहायता?

Sanae

#0@322क्या तुम उन योकाइयों की मित्र हो?

Byakuren

#0@330मित्र.... हाँ, वशायद मैं हूँ, पर मैं इंसानों की भी मित्र हूँ।

Byakuren

#0@338मैं एक ऐसा विश्व बनाना चाहती हूँ जहाँ इंसान और योकाई एक समान रह सकें।

Byakuren

#0@346मुझे नहीं पता कि तुम जैसी देवी ये समझ सकती है या नहीं, पर मैं उन पीड़ित योकाइयों को उनकी प्रतिष्ठा वापस दिलाना चाहती हूँ।

Sanae

#0@354समान? पीड़ित?

Sanae

#0@362तुम ये जैसे भी देखो, यहाँ पीड़ित को इंसान हैं!

Sanae

#0@370मैं चाहती हूँ कि इंसान अपनी प्रतिष्ठा वापस पाएँ।

भावुक गगनचुंबी भवन ~ लौकिक मन

Byakuren

#0@378अच्छा, दुख की बात है एक देवी इसे मेरे दृष्टिकोण से नहीं देख पाई।

Byakuren

#0@386परंतु, मैं योकाइयों और देवताओं में भेदभाव नहीं करती।

Sanae

#0@394स्वास्थ्यप्रद देवता ही दुष्ट योकाइयों का विनाश करते हैं!

Byakuren

#0@402इंसान मेरे मंदिर में समय से नहीं बदले हैं।

Byakuren

#0@410कितनी स्वाभिमानी हो, तुम हम सब पर एक दुष्प्रभाव हो! अब, तीन ख़ज़ानों के नाम पर--!

Byakuren Hijiri defeated
  • If player continued
Bad Ending #12
  • If player didn't continue
Good Ending #06